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आओ , दोस्ती को पंख लगायें

दोस्ती ... एक कलम
और मित्रों का प्यार .....एक अमित स्याही
दोस्तों से गुजारिश
ये स्याही मुझे देते रहो
इस स्याही से लिखना है मुझे
एक ऐसी कहानी
जिसे पढ़कर ......
कोई कभी ना कहे
"दोस्त , दोस्त ना रहा " ॥


दोस्त .... एक कुदाल
और दोस्ती ....मेहनत
आओ ... साथ मिलकर
मोहब्बत के कुछ ऐसे पेड़ लगायें
जिसके फल
प्रभु के चरणों में रखे जा सकें ॥

दोस्त है.... फूल
और दोस्ती ...उसकी खुशबू
आओ ! मेरे दोस्त
दिल के बगीचे में
कुछ ऐसे फूल खिलायें
जिसकी खुशबू
सिर्फ हमलोग ही नहीं
हमारे आने वाले बच्चे भी सूंघे ॥

आओ दोस्तों !!!!
दोस्ती की नाम की चिड़िया को
स्वस्थ और सुन्दर पंख लागाये ॥

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Comment by Rash Bihari Ravi on July 12, 2010 at 4:24pm
दोस्त है.... फूल
और दोस्ती ...उसकी खुशबू
आओ ! मेरे दोस्त
दिल के बगीचे में
कुछ ऐसे फूल खिलायें
जिसकी खुशबू
सिर्फ हमलोग ही नहीं
हमारे आने वाले बच्चे भी सूंघे ॥
sabd ki kami par raha hain mere pas jai hoooooooooooooo

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 12, 2010 at 7:38am
आओ दोस्तों !!!!
दोस्ती की नाम की चिड़िया को
स्वस्थ और सुन्दर पंख लागाये ॥
बहुत बढ़िया बब्बन भईया, बड़े ही संजीदा तरीके से आप ने दोस्त और दोस्ती को परिभाषित कर दिया है, बहुत खूब ,

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on July 11, 2010 at 2:34pm
प्रतीकों के माध्यम से दोस्ती की परिभाषा का अदभुत वर्णन. बबन जी साधुवाद

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