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जमाने से चलती हवाओं का रूख मोड़ देंगे,
बदबू साफ़ कर उसमें सिर्फ सुगंध छोड़ देंगे.

मौसम भी अगर दगा दे हमसे रूठ जाता है,
बादल से हम अपने बाग़ को सीधे जोड़ देंगे.

कल तक जो मेरे राहों में कांटें बिछाती थी,
पलकें बिछाकर उसका गुरूर हम तोड़ देंगे.

औरों की मुस्कराहट ही हमारी ईमान होगी.
तुम्हें खुश रखने को, अपना जख्म छोड़ देंगे.

जमाना साथ देने के बजाय टांग खिंचेगी,
प्रेम का रस पिलाने को पत्थर निचोड़ देंगे.

दौड़ रही है जितनी गाड़ी नफरत की पटरी पे,
हम मिलकर उसे प्यार की राह में मोड़ देंगे.

बेकसूरों का जो खून बहा कर शेर बनते हैं,
वक्त आ गया है हम उनकी कलाई मरोड़ देंगे.

भ्रष्टाचार और हिंसा का घड़ा अब भर चूका है,
पाप के घड़े के साथ ही सारा भांडा फोड़ देंगे.

रहमदिल इंसानों का सदा रहना तूं "ग़ुलाम",
इंसानियत के खातिर "कुन्दनम" करोड़ देंगे.

Om – Onkaar – Allah – God - Om.Sai.Ram - Madre.Watan.Hind - Vande.Matram.

-GK,
Citizen of Azad Hind Desh (PK+IN+BD)

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Comment by Bhasker Agrawal on December 8, 2010 at 3:19pm
कल तक जो मेरे राहों में कांटें बिछाती थी,
पलकें बिछाकर उसका गुरूर हम तोड़ देंगे.

औरों की मुस्कराहट ही हमारी ईमान होगी...bahut acchi lines hein

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