कुछ हाइकु
नारी----
.
बेबस नारी
परिवार पालती
रुखा खाकर.
कुल हाडी------
.
आरोपित है
जीवन देने वाली
कुल हाडी है.
आदमी----
आदमी देखो
गिरगिट सा रंग
मन मे भरा.
dr a kirtivardhan
Comment
बहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु डॉ कीर्तिवर्धन जी, हार्दिक साधुवाद.
डॉ किर्तिवर्धन जी, बहुत ही बढ़िया हाइकू बने हैं . बधाई .
इस विधा पर आपके भाव-विचार संयत और स्पष्ट हैं, कीर्तिवर्द्धनजी. आपका सतत प्रयास रचना के और गठित होने का कारण बनेगा. आपकी संलग्नता के लिये सादर धन्यवाद.
आदरणीय डॉ किर्तिवर्धन जी , हाइकु अच्छे बन पड़े है, ५-७-५ के स्केल में इतना कुछ कह पाना आसान नहीं है, बधाई स्वीकार करें |
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