वाराणसी की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था " परिवर्तन " की ७४ वीं गोष्ठी में पढ़ी गयी मेरी एक ग़ज़ल !
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Comment
thanks shubhangana ji !!
आज बातों का असर होता नही
मुझको दो चार जादू टोने दो :))
आदरणीय श्री प्रदीप जी हार्दिक आभार आपका !!
adarniya abhinav ji, sadar abhivadan. aaj apki profile dekhi. gajal suni. bahut sundar. badhai. apki pratibha ko salam.
bahut bahut abhaar adarniya rajesh kumari ji
bahut achchi ghazal aur prastutikarn dono sarahniye hain.
many many thanks respected Lata Ji .
बहुत बहुत शुक्रिया श्री अरुण जी !!
लाजवाब ! अगर वहाँ होता जरुर कहता "Once More" .
bahut sundar kahte hain aap Arun ji :)
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