For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या हो अगर शख़्स वो भगवान हो जाए

वो भी इक , अगर बे-ईमान हो जाए 
ये बस्ती उम्मीद की , वीरान हो जाए

इबादतगाह बन जाए , ये दुनिया सारी 
हर इक आदमी अगर इंसान हो जाए

झुग्गियों की क़िस्मत भी जगमगा उठे 
इक खिड़की भी अगर , रोशनदान हो जाए 

फ़िज़ायों में इबादतपसंद है , कोई ज़रूर 
वरना ऐसे ही नहीं , कोई अज़ान हो जाए

साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त 
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए 

वे मुंतज़िर हैं, ज़ंहूरियत में भी "अजय" 
कब सियासत , इक खानदान हो जाए 

उसने कर रखे हैं चराग़ रोशन ख़ून से अपने 
क्या हो , अगर शख़्स वो , भगवान हो जाए 

मौलिक व अप्रकाशित 
अजय कुमार शर्मा

Views: 431

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on January 4, 2014 at 8:42pm
सुन्दर रचना है अजय जी! मेरे हिसाब से गजल होना चाहिये। इसे लेकिन यदि बह्र और गजल का तक्तिआ भी लिखा जाता तो अतिउत्तम होता।
एक नेक रचना के लिये बधाई।
Comment by ajay sharma on December 27, 2013 at 11:24pm

......saurabh pandey sir ,rana sir , shijju sir ,prachi di aur sabhi bado ka ashish mil jata  too....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 27, 2013 at 8:14pm

आदरनीय अजय भाई , सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये बधाई ॥

Comment by MAHIMA SHREE on December 27, 2013 at 7:40pm

इबादतगाह बन जाए , ये दुनिया सारी 
हर इक आदमी अगर इंसान हो जाए

झुग्गियों की क़िस्मत भी जगमगा उठे 
इक खिड़की भी अगर , रोशनदान हो जाए 

साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त 
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए ... वाह बहुत खूब ..आ. अजय शर्मा जी बहुत -२ बधाई

Comment by Shyam Narain Verma on December 27, 2013 at 4:42pm
इस खूबसूरत रचना के लिये दिली दाद कुबूल करें...
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 27, 2013 at 3:05pm

अजय  जी

बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही आपने  i

बधाई हो i

Comment by coontee mukerji on December 27, 2013 at 12:33pm

साल-ये-नौ पर , दुआ है मेरी , ये दोस्त 
तेरी ख्वाहिशों को , अता आसमान हो जाए.......आमीन.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
22 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service