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नाम और काम का संबंध

ये नाम और काम का संबंध बड़ा नाजुक है

बड़े हिसाब किताब के बाद ही इनके संबंध स्थापित करने चाहिए

अब खुद ही देख लो

भ्रष्टाचारियों को भी नेता कहना पड़ता है

और दलालों को पत्रकार

गुंडों को रक्षक, और जो पकड़ा गया बस वो ही भक्षक

 

किसी ने कहा नाम में क्या रक्खा है

अरे भाई ! नाम का ही तो सारा काम है

और जिसका नाम नहीं उसकी जिंदगी हराम है

 

पांच सो का जूता दो हज़ार में बिकता है नाम की बदोलत

कल का लोंडा संसद में घुसता है नाम की बदोलत

मूड भी होशियार दिखता है (बाप के) नाम की बदोलत

फ़ोकट का आरक्षण मिलता है (उप) नाम की बदोलत

 

तो भईया, आज से नाम को हल्के में मत लेना

नाम और काम का संबंध ऐसे ही ना जोड़ देना

जैसे आजकल विवाह संबंध जोड़े जाते हैं

बस यही है मेरा कहना..

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Comment

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Comment by Bhasker Agrawal on April 25, 2011 at 10:05am
धन्यवाद लाता जी
Comment by Lata R.Ojha on April 22, 2011 at 11:50pm
kya vyang hai :) waah  Bhaskar ji ..badhai :)
Comment by Bhasker Agrawal on April 16, 2011 at 11:19pm
बहुत बहुत धन्यवाद सभी को :)
Comment by Rash Bihari Ravi on April 15, 2011 at 7:16pm
बहुत बढ़िया लिखा आपने भास्कर भाई .
इस लिए ये मैं कहता हु ,
कुछ लोग हराम के खाकर भी नाम कमाते हैं ,
कुछ लोग नाम के वजह से हराम के खाते है ,

Comment by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on April 15, 2011 at 6:14pm
bahoot khoob bhaskar bhai....achchhi kahi ....naam me hi sab kuchh hai achchhe vyang ke liye badhai ..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 13, 2011 at 9:12am

नाम और काम का संबंध ऐसे ही ना जोड़ देना

जैसे आजकल विवाह संबंध जोड़े जाते हैं,

 

बहुत खूब भाष्कर भाई , इस रचना के बाद अब शायद ही कोई कहे की नाम में क्या रखा है ? सुंदर रचना , बधाई | 

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