For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भगवान शिव का मंदिर और उस मंदिर के विषय में जितनी जानकारी हो यहाँ डाले...

हिंदुस्तान और एकरा से बाहर बहुत से भागवान शिव का मंदिर हैं यहाँ तक की करीब करीब हर जिला में मंदिर हैं उस मंदिर के बिसय में जितना जानकारी हो यहाँ डाले .हर हर महादेव ,

Views: 2720

Reply to This

Replies to This Discussion

मैं यहाँ जिस मंदिर ka जिक्र करने जा रहा हु वह मंदिर बिहार में छपरा और सिवान जिला के बोर्डर पर हैं महेंद्र नाथ मंदिर जिसे वहा लोकल भासा में मेहंदार कहा जाता हैं . इस मंदिर के बिसय में एक दन्त कथा हैं की ये इलाका पहले नेपाल के अधीन था और यहाँ के राजा थे रजा महेंद्र जिन्हें चर्म रोग था , एक बार वो इस इलाका से हो कर गुजर रहे थे कोशो दूर कोई गावं ना था , उन्होंने एक सिपाही से पानी लाने के लिए कहे ओ पानी के लिए गया लेकिन उसे कही पानी नहीं मिला एक जगह कुछ सुआर खोद कर गद्दा बनाये थे जिसमे पानी था और ओ साफ भी था वही पानी लेकर राजा के पास चला गया , राजा जैसे ही हाथ धोये उनका हाथ का दाग ठीक हो गया उन्होंने सिपाही से पूछा ये पानी कहा से लाया , सिपाही दर कर कापने लगा और बोला जन बक्से तो बताऊ , राजा ने कहा उस जगह ले चलो तुम्हे इनाम दिया जायेगा , सिपाही वहा ले गया और राजा उशी पानी में लोट पोट हो गए और उनका पूरा सरीर ठीक हो गया , फिर राजा वहा बावन बीघा में पैसा चिट्वा कर हल चलवा दिए और कहा जिसे पैसा चाहिए माटी उठाये और बाहर जाकर फेके और पैसा ले एसा रोज होने लगा और एक बड़ी पोखरा की खुदाई हो गई और राजा वहा एक भागवान शंकर की मंदिर बनवाए , और ओ मंदिर महेंद्रा नाथ और मेह्दार के नाम से मशहुर हैं , आज भी लोग कहते हैं वहा जो भी मन से माँगा जाय ओ पूरा होता हैं , बोलो प्रेम से शंकर भागवान की जय , हर हर महादेव ,

अब जिस मंदिर का जिक्र करने जा रहा हु वह मंदिर भी बिहार में छपरा जिला के जनता बाज़ार के पास स्थित हैं इस देव स्थान को ढोर स्थान के नाम से जानते हैं इस मंदिर के बिसय में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं हैं लेकिन यहाँ मेला लगता हैं , बोलो प्रेम से शंकर भागवान की जय , हर हर महादेव ,
गुरुजी, बहुत खूब...बहुते नीमन अउर जरूरी काम खातिर सादर धन्यवाद।।।।
पहले तो मै 'रवि कुमार गिरी जी' को प्रणाम करता हूँ की उन्होंने इतनी अच्छी बात शुरू की.
अब मै भगवान् भोलेनाथ का नाम लेकर उन्ही के बारे में बता रहा हु.
गाजीपुर जिले में एक गाजीपुर-मऊ संपर्क मार्ग पर एक स्थान है मरदह. मरदह से पूरब की तरफ करीब ४ या ५ कि० मि० की दुरी पर स्थान है महाहर. वैसे तो इस स्थान को वहा के स्थानीय लोग महारे या महार कह कर पुकारते है. वही महाहर में भगवान् भोलेनाथ का मंदिर है जो पुरे गाजीपुर में प्रसिद्द है. वहा पे इस मंदिर के अलावा भी कई देवी और देवताओ के मंदिर हैं, जैसे भगवान् कृष्ण, माता दुर्गा, राम जी, भैरव बाबा, कुल १५वो मंदिर है. लेकिन सबसे आस्थावान मंदिर भगवान भोले का ही है.
अपने कन्धों पे रख कर अपने माता-पिता को सभी तीर्थों की सैर कराने वाले श्रवन कुमार को दसरथ जी ने यही पे मारा था.
कहा जाता है की यहाँ पे बहुत सारा सोना चाँदी गाड़ा गया है. कई बार कई लोगो ने यहाँ पे खुदाई करवाने का प्रयास किया लेकिन उनके घर कोई न कोई अशुभ घटना घट गई.
सावन के महीने में यहाँ पे बहुत दूर दूर से लोग आते है. वैसे तो तो हर सोमवार को काफी भीड़ रहती है किन्तु सावन के प्रत्येक सोमवार को यहाँ पे हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आते है.
यहाँ पर महाशिवरात्रि के दिन मेला लगता है जो करीब ३ दिनों तक चलता है. और भी बाते है इसके सम बांध में जो फिर कभी जिक्र करूँगा.
हर हर महादेव
जय शिव शंकर
आशीष जी , बहुत बहुत धन्यवाद, आपने इतनी मशहूर शिव मंदिर के बारे मे बताया , यदि वहा का कोई फोटोग्राफ भी आप के पास हो तो जरूर यहाँ लगा दीजियेगा , हर हर महादेव ,

ashish bhai bahut bahut dhanyabad i jankari dela khatir,
आया हूँ होकर शरणागत
हे इष्टदेव मेरे भगवान
मैं दलित त्रसित पीड़ित मानव हूँ,
कर देना मेरा कल्याण,

ati sunder manmohak kamal ki kalam chali hain manoj ji jqai ho

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।।"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लेखन के विपरित वातावरण में इतना और ऐसा ही लिख सका।…"
23 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"उड़ने की चाह आदत भी बन जाती है।और जिन्हें उड़ना आता हो,उनके बारे में कहना ही क्या? पालो, खुद में…"
23 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।प्रेरणा और प्रोत्साहन के शब्द दिल को छू रहे हैं।लघुकथा का विषय तीन…"
23 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"बोलते पन्ने (लघुकथा) : डायरी की जितने पन्नों में विभिन्न रस छोड़ते शब्द जितने भी राग गा रहे थे,…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"विषयांतर्गत इतनी गंभीर लघुकथा पढ़ने को मिलेंगी, सोचा न था। बहुत दिनों बाद आपकी लेखनी की इतनी सुंदर…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"सादर नमस्कार। हार्दिक बधाई गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन सृजन से करने हेतु जनाब मनन कुमार सिंह जी।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-117
"मेरी डायरी रात फड़फड़ाहट की ध्वनि से मेरा स्वप्न - भंग हुआ।सामने मेरी डायरी के पन्ने खुले पड़े…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service