For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

22 नवम्बर 2011 की शाम अचानक ही यादगार बन गयी.

Views: 333

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 25, 2011 at 10:14am

जी हाँ, मगर मालूम हुआ, भूला या खोया नहीं "था",  अति व्यस्त, लस्त-पस्त, त्रस्त किन्तु स्वयं में मस्त-मस्त था..!!!!!

योगराजभाईजी, रिपोर्ट को भले निरस्त करा दें किन्तु, वहीं रहने दें.  वो रिपोर्ट हमारे परस्पर स्नेह, भाव, प्यार व दुलार का भौतिक रूप बन कर पड़ा रहेगा.   :-)))))))))

 

 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 24, 2011 at 10:52pm

खो गया "था" ! :)))))))))))))))))))))))))))))


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on November 24, 2011 at 10:39pm

ये रिपोर्ट विपोर्ट की क्या बातें हो रही है? कोई खो गया है क्या?

Comment by वीनस केसरी on November 24, 2011 at 9:44pm

क्या ये व्यथा सुन कर कान्हा पिघले ?

:)))))))))))))))))))))))))))))))))))))))))))))))


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 24, 2011 at 3:44pm

सौरभ भाई जी - क्या उद्धव जी ने कान्हा को गोपियों के रुदन के बारे में भी बताया कि नहीं ? क्या ये व्यथा सुन कर कान्हा पिघले ?


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 24, 2011 at 3:40pm
सौरभ भाई जी, तो क्या अब राणा जी की गुमशुदगी की रपट वापिस ले ली जाये ?

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 23, 2011 at 5:03pm

भाई अभिनव जी,  राणाभाई  करीब तीन-चार माह बाद  ’उदित उदयगिरि मंच पर, रघुबर बाल पतंग’  की नाईं नमूदार हुए. और भाई वीनस के साथ मेरे निवास पर आये थे.  वीनस के साथ हुई प्रथम सापेक्ष भेंट के वे ’काव्य-सरस’ क्षण सभी के लिये मनोहारी व उत्फुल्लता के क्षण थे.  आगे की कई गतिविधियों पर चर्चा हुई.  देखिये, दो-तीन दिनों में क्या-कुछ उभर-निखर कर आता है...!

 

Comment by Abhinav Arun on November 23, 2011 at 2:10pm

kaipshan men milan sthal ka naam bhi rahe to achchha rahe . maine ghazal "guru " isliye likhe hai kyonki rana ji aur venas je mere " ghazal guru " ban jaayen ye request maine inse kiya varna inki har vidha men utkrishth kshamta se sabhi parichit hai again namaskaar !!

Comment by Abhinav Arun on November 23, 2011 at 2:07pm
ग़ज़ल के " राणा प्रताप " और ग़ज़लों के ही "केसरी " और सौरभ जी के क्या कहने | इस त्रिवेणी का संगम होना ही ऐतिहासिक है | ओ बी ओ  की इस त्रिमूर्ति को प्रणाम है | कुछ तो ख़ास हुआ होगा जब मिल बैठे होंगे आप तीनो | इसकी रपट नुमा प्रस्तुति भी होनी चाहिए | ताकि चर्चा से हम सब लाभान्वित हों |.... भाई इस फोटो में आशीर्वाद नुमा हाथ ...सौरभ जी का मेरी पीठ पर भी होता तो क्या बात होती ...| खैर अगली बार ..
Comment by वीनस केसरी on November 23, 2011 at 1:41pm

और जो अगर मेरा हाँथ है भी तो वो वाला हाँथ मैंने अपने दूसरे हाँथ से दबा रखा है :)))))))

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam posted blog posts
5 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service