For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

असां जोगी हो जाणा
 
रास न आयी दुनियांदारी,झूठा ठौर ठिकाणा
असां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 
रास न आयी दुनियांदारी ------------------ 
(1) तू रहमत दे फ़ुल्ल बरसाए प्यार दी जोत जलाए-2 
जो तेरे दर आए  बाबा दास तेरा हो जाए-2
तेरियां सिफ्तां करदा बाबा-2 एह सारा ज़माना 
असां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 
रास न आयी दुनियांदारी ------------------ 
(2) तू भोला तेरा रूप नराल्ला,बाबा तू है भागां वाला-2  
धूणे वाला कर्मां वाला तू बाबा वड्डे दिलवाला-2 
तू भक्तां दे मन दियां जाणें-2 तू ते नहीं अंजाना 
असां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 
रास न आयी दुनियांदारी ------------------ 
(3) दीपक 'कुल्लुवी' दर तेरे आए,प्रेम खज़ाना पाए-2 
बिन मंगेयाँ ही बाबा साड्डे सोए भाग खुल जाए-2
तेरी रीस न कोई बाबा-2 मैं  तेरा दीवाना 
असां जोगी हो जाणा साईँ असां जोगी हो-2 
रास न आयी दुनियांदारी ------------------ 
 
दीपक शर्मा कुल्लुवी 
11/12/12.
9350078399

Views: 486

Replies to This Discussion

साईं के दरबार में भक्ति रस से सराबोर प्रस्तुत मनमोहक मधुर गीत बहुत पसंद आया आदरणीय दीपक कुल्लुवी जी बधाई आपको जय जय साईं नाथ ।

JAI SAI RAM

SHUKRIYA MADAM BHAJAN PASAND KARNE KE LIE

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। भाई अमित जी के सुझाव भी अच्छे हैं।…"
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"जी भाई  मैं सोच रही थी जिस तरह हम "हाथ" ,"मात ",बात क़वाफ़ी सहीह मानते…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"पाँचवें शेर को यूँ देखें वो 'मुसाफिर' को न भाता तो भला फिर क्योंकर रूप से बढ़ के जो रूह…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. रचना बहन, तर की बंदिश नहीं हो रही। एक तर और दूसरा थर है।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए बहुत बहुत बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"कर्म किस्मत का भले खोद के बंजर निकला पर वही दुख का ही भण्डार भयंकर निकला।१। * बह गयी मन से गिले…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार बहुत अच्छा प्रयास तहरी ग़ज़ल का किया आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की…"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ही ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये एक से एक हुए सभी अशआर और गिरह…"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये मक़्ता गिरह ख़ूब, हर शेर क़ाबिले तारीफ़…"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"2122 1122 1122 22/112 घर से मेले के लिए कौन यूँ सजकर निकलाअपनी चुन्नी में लिए सैकड़ों अख़्तर निकला…"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service