छोटा सा घर अपना
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रंग बिरंगी तितलियों को उपवन से बच्चों के लिए शब्दों में लाने के प्रयास के लिए बधाई आ. प्रदीप सिंह कुशवाहा जी
माँ ने आवाज लगायी
आदरणीय प्रदीप जी, आपकी बाल-कविता के लिए आपका सादर धन्यवाद. बच्चों की रचनाएँ वस्तुतः बच्ची रचनाएँ नहीं होतीं. इनका होना एक अलग प्रबोध की मांग करता है. आपका उत्साह हम सभी के लिए प्रेरणा है.
सादर
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