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दीवाने तो दीवाने हैं [सूफी गीत]

रचना ओ बी ओ नियमानुसार न होने और लेखक के अनुरोध पर हटा दी गई है |

एडमिन

2013071407

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Comment

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Comment by Admin on July 14, 2013 at 4:12pm

ह्रदय से स्वागत है आदरणीय |

Comment by Neeraj Nishchal on July 14, 2013 at 4:09pm

आभार तो हमे आपका करना चाहिये
जो इतना सुन्दर मंच उपलब्ध कराया ।

Comment by Admin on July 14, 2013 at 4:02pm

//और निवेदन करता हूँ आप ये कविता हटा दीजिये//

आदरणीय नीरज मिश्रा जी, सहयोग हेतु बहुत बहुत आभार, आपके अनुरोध पर यह रचना हटाई जा रही है |

Comment by Neeraj Nishchal on July 14, 2013 at 3:43pm

आदरणीय प्रबन्धक जी
जवाब विलम्ब से दे पाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ,,,,,_/\_
आदरणीय पाठक जी की बात तो मै नही समझ पाया क्यों की
लिंक नही खोल पाया पर जब आपने ऐसा कहा तो फिर मैंने छान बीन की
और ऐसा ज्ञात हुआ कि ये कविता फेसबुक के एक आध्यात्मिक पेज
ओशो शरणम् गच्छामि जिसके एडमिन मै और मेरा छोटा भाई हैं
उस पर मेरे भाई ने डाली थी और ये ज्ञात नही था मुझे ,,,,,,,
पर ये एक बड़ी गलती है और ओ बी ओ के नियम के विरुद्ध है मै
इसके लिए बहुत बहुत क्षमा प्रार्थी हूँ ...._/\_..
और निवेदन करता हूँ आप ये कविता हटा दीजिये हालाँकि मैंने
वहाँ से भी हटा दी है आप आश्वस्त रहें आगे से ऐसा नही होगा ।
सादर

Comment by बृजेश नीरज on July 13, 2013 at 10:19pm

आदरणीय नीरज जी यदि आप रचना को किसी शिल्प में बांधें तो अच्छा हो। आपके कथ्य तो बहुत सुंदर होते हैं परन्तु शिल्प का निर्वहन आप द्वारा न किया जाना आश्चर्य पैदा करता है।
सादर!


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 13, 2013 at 1:24pm

आदरणीय नीरज मिश्रा जी, भाई राम शिरोमणि जी का इशारा आपकी कविता आपकी नहीं होने की तरफ नहीं है बल्कि उनका इशारा यह है कि यह रचना ओ बी ओ पर प्रकाशित होने के पूर्व किसी और साईट पर प्रकाशित हुई है . 

कृपया स्पष्ट करें कि क्या यह रचना ओ बी ओ पर प्रकाशन से पूर्व किसी और साईट यथा ब्लागस्पाट, फेस बुक आदि पर प्रकाशित हुई थी ?

Comment by Neeraj Nishchal on July 13, 2013 at 11:11am

आदरणीय राम शिरोमणि पाठक जी
इस कविता की खामियाँ बताती हैं कि
ये मेरी कविता है और दूसरी बात
मेरी शैली आप अगर मेरी कवितायें
पढ़े जो यहाँ पोस्ट हुयीं हैं तो सबकी विधा
लगभग एक जैसी ही हैं .............
साभार .....................

Comment by Neeraj Nishchal on July 13, 2013 at 11:06am

धन्यवाद सुमीत जी

Comment by Neeraj Nishchal on July 13, 2013 at 11:05am

राजेश भाई भावनाओं में ऐसा बह जाता हूँ ।
जो लिख जाता है बस वही लिख पाता हूँ ।

Comment by ram shiromani pathak on July 12, 2013 at 9:00pm

https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&s...आदरणीय भाई साहब इस रचना को यहाँ भी पढ़ा जा सकता है ////बहुत सुन्दर //आपने ही लिखी है ये रचना ?????

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