For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरु के बिना सबके संसार बा अधूरा । जबे मीलिहें गुरुजी हो जाई पूरा ।
अँगूरी पकड़ी लिखे पढ़े सिखावेलन , मीठी बतिया से दिल बहलावेलन ।
सब के मिलाके उपदेश बतावेलन , हर साल ग्यान देके दर्जा बढ़ावेलन ।
कच्चा घड़ा अपना उपदेश से पकाके , निर्मल बनावेलन जो रहल अधूरा ।
कवनो गलती के गुरु माफ करेलन , डाँट के छेनी से दिल साफ करेलन ।
हर बचवन से आपन स्नेह बांटेलन , ग्यान के खजाना दिल में भरेलन ।
सब के आगे बढ़ल देखल चाहेलन , खुश होलन जब लक्छ्य होला पूरा ।
केहू जाला विदेश गुरु के खोज में , पढ़े के चाहत रहेला सब के मन में ।
सारा ग्यान बा गुरु के उपवन में , दूर देश लोग रहेलन गुरु के संगम में ।
छोट बड़ गुरु हमेशा सबके पूज्य होलन , कमी दूर करेलन तब होला पूरा ।
कभी गुरू के अवगुण जनि निहारी , हमेशा रवुवाँ अच्छाई के उन पर वारीं ।
दिल से नमन करीं गुरु के हर बार ,  तबे हरदम खुश रही उनकर दरबार ।
अग्यानता जड़ से मिटवलन तोहार , खुशी से कईलन तोहार ग्यान पूरा । 
गुरु के नईया में हो जाईं सवार , भवसागर से रवुवाँ हो जाइबी पार ।
वाणी रुपी अमृत करिहं संचार , जग में गुरु के महिमा हवे अपरंपार ।
वर्मा उपदेश देलन दिल बहलाके , सबके खुश करेलन  जो रहल अधूरा ।

श्याम नारायण वर्मा 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 655

Replies to This Discussion

बिना गुरु ज्ञान कहवाँ , गुरु के महिमा अपरम्पार बा, गुरु माई , बाबू, भाई, बहिन कोई हो सकेला, गुरु के प्रति आदर भाव देखावत नीमन रचना भईल बिया, बहुते बधाई एह प्रस्तुति प । 

हार्दिक आभार आदरणीय

गुरु के महिमा बखानत एह रचना खातिर बड़हन बधाई, भाईजी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service