For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - इश्क़ न हो तो ये जहां भी क्या - अभिनव अरुण्

ग़ज़ल – २१२२ १२१२ २२

इश्क़ न हो तो ये जहां भी क्या ,

गुलसितां क्या है कहकशां भी क्या |

पीर पिछले जनम के आशिक़ थे ,

यूँ ख़ुदा होता मेहरबां भी क्या |

औघड़ी फांक ले मसानों की ,

देख फिर ज़ीस्त का गुमां भी क्या |

बेल बूटे खिले हैं खंडर में ,

खूब पुरखों का है निशाँ भी क्या |

ख़ुशबू लोबान की हवा में है ,

ख़त्म हो जायेंगा धुआँ भी क्या |

माँ का आँचल जहां वहीँ जन्नत ,

ये जमीं क्या है आसमाँ  भी क्या |

ख़ूब चर्चा में है वेलेन्टाइन ,

इश्क़ तेरी सजी दुकां भी क्या |

उनकी नज़रें हुईं जिगर के पार ,

तीर को चाहिए कमां भी क्या |

 

मुझको शहरे ग़ज़ल घुमा लायी ,
 ख़ूब उर्दू ज़ुबां ज़ुबां भी क्या |

यूं लगे है ख़ुदा बुलाता है ,
इन मीनारों से है अजां भी क्या |

     - मौलिक और अप्रकशित.

                 - अभिनव अरुण

                    {16122913}

Views: 834

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on December 26, 2013 at 11:16am

आपका आभार आदरणीय महिमा जी ! शुभ मंगलमय नव वर्ष २०१४ !!

Comment by MAHIMA SHREE on December 25, 2013 at 7:15pm

वाह  वाह शानदार ...जानदार गज़ल आदरणीय ... अभिनव जी बहुत -२ बधाई ... स्वीकार करें 

Comment by Abhinav Arun on December 24, 2013 at 3:04pm

प्रयास पसंद करने  हेतु हार्दिक आभार डॉ आशुतोष जी , शुक्रिया !!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on December 21, 2013 at 12:50pm

आदरणीय अभिनव जी ..इस ग़ज़ल की जितनी तारीफ़ की जाए कम है ..बेहद रोचक ग़ज़ल जो अपने हर अशार पर शायर के गहन चितन और हर शेर पर समय दिए जाने को  सपष्ट रूप से पुष्टि कर रहा है ..आपकी श्रजन शीलता को नमन करते हुए सादर बधाई के साथ ..

Comment by Abhinav Arun on December 21, 2013 at 10:27am

सादर प्रणाम अग्रज श्री ! आभार !!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 20, 2013 at 1:24am

औघड़ी फांक ले मसानों की ,

देख फिर ज़ीस्त का गुमां भी क्या..

ग़ज़ब ! .. औघड़ी शायद पहली बार इस रूप में ग़ज़ल में आयी होगी.

भरपूर दाद लीजिये, भाईजी..

Comment by Abhinav Arun on December 18, 2013 at 10:28am

आ. डॉ श्रीवास्तव जी सादर प्रणाम आपको , आभार !

Comment by Abhinav Arun on December 18, 2013 at 10:28am

आ. श्री गिरिराज जी हार्दिक रूप से धन्यवाद आपका !

Comment by Abhinav Arun on December 18, 2013 at 10:27am

शुक्रिया शिज्जू जी बहुत आभार और अभिवादन आपका 

Comment by Abhinav Arun on December 18, 2013 at 10:27am

आपने सराहा अभिभूत हूँ आ. वीनस जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
45 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
45 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
46 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
48 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
48 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service