ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सभे साथी लोगन के बागी के परनाम,
आपन भोजपुरी साहित्य समूह मे हम एगो अनूठा अउर अंतरजाल पर पहिलका लाइव विश्व भोजपुरी कवि सम्मेलन के आयोजन कईल चाहत बानी | एह तरह के कार्यक्रम जहा तक हमके पता बा अउर कवनो साईट पर नईखे भईल, हां अब चोरवन के नजर पड़ जाव अउर ई कांसेप्ट के चोरी कर लेवन सन त उ दोसर बात बा |
रौआ सब से निहोरा बा की आपन सुझाव दिही,
१. महिना मे एक बार आयोजन कईसन रही ,
२-सम्मेलन के समय क दिन के रखल जाव,
आदि आदि ,
राउर सब के सकरात्मक विचार प्राप्त भईला के बाद तुरंत एह आयोजन के विस्तृत रूपरेखा घोषित कईल जाई |
राउर सब के राय विचार के अगोरिया मे
गनेश जी "बागी"
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bagi ji
ram ram
bahut kaj ba. bahut thik rahi...
hamar purn samrthan ba..
bhojpuri maaee ke aehi tareh sewa karat rahi
asirvad
santosh patel
editor: bhojpuri Zindagi
ekdam shuru kail jaw...aur jald se jald shuru kail jaw.....waise sahi kahat bani ki abhi tak bhail naikhe kauno site par...lekin ab chorwan ke najar pad gail baa ta dekhi kaa karat bada san........
waise humni ke sab saathe bani san...jald se jald shuru kail jaw.....
jai ho bhojpuri ki
बागी जी आप बढियां सोचलें हईं |ओ.बी.ओ.पर भोजपुरी में भी एगो आयोजन ज़रूर होखे के चाही | हमरा ख़याल से अभी "भोजपुरी चौपाल " चाहे " गांव गिराँव" जईसन कवनो इवेंट होखे जेमे आदमी कविता कहानी विचार लेख के द्वारा अपन विचार रखे | कवनो खास विधा का बंदिश शुरू में न रहे |शेष नियम तरही या इवेंट जईसन रहे त कवनो दिक्कत न होई |
हमार ओर से बहुते बधाई आ शुभकामना बा | अबही हम भोजपुरी में ना लिखिला लेकिन ई प्रक्रिया शुरू होई त हमहूँ हाँथ भोजपुरी में चलावे में संकोच न करब |आखिर हमनी पर आपन माटी का भी करज होला मातृभूमी आ मातृभाषा से सबके जुडाव होखे के चाही |
बागी भैया
परनाम
भोजपुरी हमार मातृभाषा नहिखे पर हम इतना कहल चाहीं की अइसन अनूठे कार्यक्रम के हमरा ओरी से बहुत बहुत स्वागत बा| कुछ सुझाव हमरी ओरी से बा, पहिल बात तो इ की अगर एह तरह के कार्यक्रम का अगर २-३ दिन से घटा के १ दिन या कुछ घंटा के रखल जाय तो अउर मजा आई| obo के एक दिन भोजपुरी के समर्पित होई जाई अउर साइटौ के दूसर काम में दखल न पड़ी, इहसे दूसर फायदा इ होई की हम ज्यादा से ज्यादा लोगन के एक साथ काम करै के मौका मिली अर्थात लाइव interaction के सुविधा होई जाई, औ दूसर लोगन के रचना पे प्रतिक्रिया भी देवल आसन होई जाई, बाकी हम तो पूरा कोशिश करब की आयोजन में आपन एगो भोजपुरी (शायद पहिली पहल ) रचना देई|
राणा जी, राउर विचार सुन के मन गदगद हो गईल , जैसन की हम अरुण भाई के पोस्ट पर लिखनी हा कि "अगर पंजाबी होके शैलेन्द्र जी भोजपुरी के पहिला फिलिम के गीत लिख सकत बाडे त रौआ काहे ना | भोजपुरी मे ना लिखे वाला अगर भोजपुरी मे हाथ आजमा लेट बा त इहे हमनी के प्रयास के सफलता बा"
आपन बहुमूल्य विचार से अवगत करावे खातिर बहुत बहुत धन्यवाद |
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