For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माई के चरनिया में बसल चारों धाम बा
तीरथ ब्रत के अब हमरा कौन काम बा
माई बाबु से बढ़ के ना पूजा पाठ अजान बा

हम ई वाद-प्रतिवाद शुरू कर रहल बनी माई के ऊपर......जे ई दुनिया में भगवान् से भी बढ़कर बारी.....हम बस एहे चाहब की रुआ लोग भी आपण आपण राय एह्पर दी....आप लोग के नजर में माई बाबूजी के का जगह बा......आप लोग लिखी जा..............

Views: 1259

Reply to This

Replies to This Discussion

सबसे पहले तो मै आपको पहला और इतना गम्भीर बिषय पर चर्चा करने हेतु धन्यबाद देता हू । दुनिया मे सबसे बढ़कर माँ,बाप का स्थान है जिसका कर्ज मनुष्य कभी चुका ही नही सकता, माँ अपने खुन और दुध दोनो से सन्तान को सिच कर पालती है, मै अभी केवल इतना हि लिख रहा हू, और सदस्यो के विचार आने के बाद मै फिर लिखने का कोशिस करूगा ।
प्रितम भाई परनाम,
बहुत ही निमन चर्चा शुरू रउआ कइले बानी, हम ऐ बहस मे बाद मे सक्रियता से लेब, पर सबसे पहिले हम कोई के लिखल कुछ लाइन ईहा आज के परिवेश मे रखल चाहत बानी......

रिश्तो को यू तोड़ते,जैसे कच्चा सूत ,
बटवारा मा -बाप का,करने लगे कपूत ,

कैसे बेटो पर करे,माता -पिता अभिमान,
अपने घर में ही बने,अनचाहे मेहमान ,

माता-पिता में बस रहे,साक्षात भगवान,
मंदिर-मस्जिद ढूंढता ,मानव है नादान ,

मुस्टन्डो को पूजते और नवाते शीश,
पानी माँगे बाप तो ,नखरे करते बीस,

छिने -भिन्न सपने हुए,तार तार विश्वास,
माता -पिता को दे दिया,बेटो ने वनवास ,

मंदिर में पूजा करे,घर में करे क्लेश ,
बाप तो बोझा लगे,पत्थर लगे गणेश ,

प्रेम आस्था त्याग हुए,बीते युग की बात,
बच्चे ही करने लगे,माता-पिता से घात ,

पानी आँखो मे मरी ,मरी शर्म-ओ-लाज ,
कहे बहू अब साँस से,घर में मेरा राज ,

नयी सदी से मिल रही,दर्द भरी सौगात,
बेटा कहता बाप से,क्या तेरी औकात ,

कमा अकेले बाप ने,बेटे पाले चार ,
एक अकेली जब अब,चारो पर है भार,

मरने लगी संवेदना ,ख़तम हुए सदभाव,
पूरब पर भी हो गया, पश्चिम का प्रभाव ,
preetam bhai tu iyad karat bara mai ke okara se puchha mai ke bisay me jekara lage mai naikhe
jee guru jee sahi kah rahal bani...hum samajh sakat bani.........
bahut badhiya discussion ,aaj ke jamana me sabse kum mai baap ke kimat hota.bahut hi saubhagya wala beta beti badan jekara apna mata pita ke sewa kare ke subhagya prapt hola.bahut badhiya.
I want to say only .........

माई हिमालय से भी ऊंचा हो ले
लेकिन
पत्थर लेखा कठोर ना
माई सागर से भी गहरा हो ले
लेकिन
सागर जइसन खारा ना
भगवान के भी जन्म देवे ले माई
लेकिन
भगवान लेखा दुर्लभ ना
माइ त हवा से भी जादे गतिशील हो ले
लेकीन
अदृश्य बिल्कुल ना

देखत रहेले हरदम माई
हमनी के बीमार भइला पर
गुमसुम बैठ के सिरहाना
माथ पर हाथ फेरत.....
लम्बी उम्र के कामना करत ....
ई त शाश्वत सत्य बा...की
माई के तुलना ना हो सकेला
काहे कि
केहू नईखे
माई के जईसन
केकरा से करी हम तुलना माई के............
माई...
माई ...हो ले!
बस माई ....
माई के तुलना ना हो सकेला।।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
49 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
6 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
14 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service