For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पानी में आग--ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश"

------पानी में आग -----------

पानी में आग वे लगाने लगे है .

भूखे थे पर वे चहचहाने लगे है .

फूलों की मानिंद प्यार करते थे

काँटों से दोस्ती वे निभाने लगे है .

जो स्वयं पास न कर सके परीक्षा

ऐसे शिक्षक आज पढ़ाने लगे है .

पुलिस ने चोरो से की दोस्ती

गश्त में वे अपनी सुसताने लगे .

देशसेवा का जज्बा लिए थे जो

वे अपने देश को ही खाने लगे है .

------------------------------------

ओमप्रकाश क्षत्रिय "प्रकाश "

-- मौलिक व अप्रकाशित "

Views: 672

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Omprakash Kshatriya on March 26, 2014 at 8:30pm
शशि पूर्वर जी आप को रचना अच्छी लगी मेरी मेहनत सफल हो गई
Comment by Omprakash Kshatriya on March 26, 2014 at 8:25pm

जीतेन्द्र जी आप को मेरी रचना अच्छी लगी , मेरे लिए यह शकुन की बात है , आभार

Comment by shashi purwar on March 22, 2014 at 10:00pm

वाह बहुत खूब सुन्दर रचना आदरणीय ओम प्रकाश जी , हार्दिक बधाई

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 22, 2014 at 8:29am

बहुत खुबसूरत रचना आदरणीय ओमप्रकाश जी, आपको हार्दिक बधाई

Comment by Omprakash Kshatriya on March 22, 2014 at 7:15am

सरिता जी आप की सराहना के लिए आभार . आप को मेरी रचना अच्छी लगी .  इस के लिए शुक्रिया .

Comment by Sarita Bhatia on March 21, 2014 at 8:47pm

बहुत खुबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Omprakash Kshatriya on March 21, 2014 at 7:31am

laxman जी आप का बहुत बहुत आभार . आप की सलाह सरआँखों पर . इस पर अमल करूँगा .

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 20, 2014 at 7:02am

भाई ओमप्रकाश जी , प्रयास के लिए हार्दिक बधाई ,भाई गणेश जी की सलाह पर अवश्य विचार करें .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 19, 2014 at 5:51pm

स्वागत है आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रिय जी ।

Comment by Omprakash Kshatriya on March 19, 2014 at 5:45pm

गणेश जी आप के मार्गदर्शन का आभार . आप ने बहुत अच्छा सुझाव दिया है . 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
26 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
20 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service