For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा – तकनीक

बिना मांगे ही उस ने गुरु मन्त्र दिया, “ आप को किस ने कहा था, भारी-भारी दरवाजे लगाओं. तय मापदंड के हिसाब से सीमेंट-रेत  मिला कर अच्छे माल में शौचालय बनावाओं. यदि मेरे अनुसार काम करते तो आप का भी फायदा होता ?” परेशान शिक्षक को और परेशान करते हुए पंचायत सचिव ने कहा , “ बिना दक्षिणा दिए तो आप का शौचालय पास नहीं होगा. चाहे आप को १०,००० का घाटा हुआ हो.”

“ नहीं दूं तो ?”

“ शौचालय पास नहीं होगा और आप का घाटा ३५,००० हजार हो जाएगा. इसलिए यह आप को सोचना है कि आप १५,००० का घाटा खाना चाहते है या ३५,००० हजार का ?”

---------------------------

२४/०६/२०१५

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 701

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 8, 2015 at 12:30am

आदरणीय ओमप्रकाश क्षत्रीयजी, आपकी लघुकथा तो दमदार लगी, इसकी बधाई पहले. लेकिन उससे भी दमदार लगी आपकी उद्घोषणा जो कि टिप्पणी के माध्यम से आपने की है !
आदरणीय यह साहित्यिक मंच है और साहित्य की सीमा-प्रतीति तथा इससे प्राप्त उन्मुक्तता सभी समझते हैं.
सादर शुभकामनाए~ एक सफल लघुकथा केलिए.
शुभ-शुभ

Comment by Omprakash Kshatriya on June 28, 2015 at 1:29pm

आ मिथिलेश वामनकर  जी

आप को मेरी लघुकथा पसंद  आई . आभार  आप का . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 28, 2015 at 4:07am

इस सार्थक और सफल लघुकथा के लिए आपको बहुत बहुत बधाई आदरणीय ओमप्रकाश जी

Comment by Omprakash Kshatriya on June 26, 2015 at 8:38am

" बहुत खूब तकनीक है यह रिश्वत की .. कि कैसे घाटा छोटा और बडा होकर प्रभावित करता है शिक्षक रूपी तंत्र पर । बधाई आपको इस सार्थक लघुकथा के लिए आदरणीय ओमप्रकाश जी"

आदरणीय  kanta roy जी ,

आप की इस समीक्षात्मक टिपण्णी के लिए आभार .

Comment by Omprakash Kshatriya on June 26, 2015 at 8:36am

आदरणीय vinaya kumar singh जी आप को लघुकथा "सुन्दर" लगी . आभार  आप का .

Comment by kanta roy on June 25, 2015 at 12:33pm
बहुत खूब तकनीक है यह रिश्वत की .. कि कैसे घाटा छोटा और बडा होकर प्रभावित करता है शिक्षक रूपी तंत्र पर । बधाई आपको इस सार्थक लघुकथा के लिए आदरणीय ओमप्रकाश जी
Comment by विनय कुमार on June 24, 2015 at 8:41pm

बढ़िया सीख़ , सुन्दर लघुकथा आदरणीय.

Comment by Omprakash Kshatriya on June 24, 2015 at 6:51pm

आदरणीय  बंधुओं 

मेरा इस लघुकथा से सीधा कोई सम्बन्ध नहीं है . यानि ये मेरे अनुभव पर आधारित नहीं है . मैंने किसी को इस लघुकथा के द्वारा कटघरे में खड़ा नहीं किया है . यह केवल दूसरों के अनुभव पर आधारित है .मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है . मगर यह एक कड़वी सच्चाई है. जिस इस लघुकथा के माध्यम से व्यक्त किया है . सादर .

Comment by Hari Prakash Dubey on June 24, 2015 at 6:49pm

आ. Omprakash Kshatriya जी, बहुत सही , जिज्ञाषा शांत हो गयी  , आभार  आपका  , पुनः बधाई  ! सादर 

Comment by Omprakash Kshatriya on June 24, 2015 at 6:44pm

आदरणीय Hari Prakash Dubey जी

सबसे पहले तो रचना पसंद करने के लिए आप का शुक्रिया .

दूसरा -आप ने बहुत ही बढ़िया प्रश्न किया है . यह पढ़ कर आनंद आ गया.

आदरणीय दुबे जी , इस समय स्वच्छता अभियान के तहत मप्र में शौचालय का काम चल रहा है. इस में तीन एजेंसिया निरीक्षण कर रही है . पहली शिक्षा विभाग , दूसरा पंचायत विभाग के माध्यम से जनपद पंचायत और तीसरा राजस्व विभाग.

इन में कमीशन के खेल में जो सक्रिय रहता है उसी के माध्यम से या ऐसे व्यक्ति के जरिए ही कमीशन का खेल चलता है जो कमीशन उगा सके . इंजिनियर उन्ही के मर्फटी कमीशन लेते है . ताकि उन पर किसी तरह की आंच न आए.

यह लिंक है .

वैसे देखे तो सीधे-सीधे  पचायत सचिव का स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है. मगर आज के ज़माने में रिश्वत ऐसे ही ली जाती है . जिस का किसी से कोई सम्बन्ध न हो , वही रिश्वत लेता है .

यह सेफ तरीका है .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
18 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
18 hours ago
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service