पथरे पर सुतल दुधमुहवा,
छोटकी डोलावेले बेना
बड़का पथावेला ईटा
मिली तबे सांझ क चबेना|
लरिकन के भेजिती सकूल
इहे समईया क माँग
कवनो सनेसनाही पाती
कब अइहेन घर क सवांग|
घर बइठलबंधक बनाई
घुँघूटाअउ चूड़ी बहाना
बचवन् क सँवरल भबीस्य
जिनिगि क बड़का खजाना|
दूनो हाथ ऊठल बा काम
महिला सशक्तिकरण ह?
जिनिगि हो जाई सुआरथ
चउखट लँघाई क प्रण ह|
प्रमोद श्रीवास्तव, लखनऊ
मौलिक और अप्रकाशित
Tags:
बहुत ही सुन्दर भावात्मक प्रस्तुति .. बधाई |
बहुत बहुत धनबाद | हमारा नीयर बकलोल क बकलोलई पर आपन बिचार दिहनी ह|
आदरणीय परमोद जी, एह सुघड़ रचना के जेतना तारीफ़ कईल जाव कम बा, बढ़िया काम भईल बा, बधाई लिही. सादर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |