For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार का एक वर्ष का सफ़र : कैसा रहा आपका अनुभव..

साथियों !

सबसे पहले मैं आप सभी को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ आपका अपना OBO परिवार एक वर्ष का सफ़र सफलता पूर्वक तय कर लिया है, इस परिवार के साथ आपका अनुभव कैसा रहा यह आप यहाँ लिख सकते है ताकि हमें भी जानकारी प्राप्त हो सके कि क्या चाहते है हमारे प्रिय सदस्य |

इस वर्ष हेतु योजना तैयार करने में आपके अनुभव और टिप्पणी सहायक सिद्ध हो सकते है, OBO प्रबंधन समूह सदैव आपके विचारों का स्वागत करता रहा है और आगे भी करता रहेगा |

 

आपका अपना ही

एडमिन

ओपन बुक्स ऑनलाइन

Views: 2022

Reply to This

Replies to This Discussion

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार को एक वर्ष के इस सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई .........

आपकी मेहनत और लगन ने जिस तरह पाठकों को अपनी ओर आकर्षित किया है काबिले -तारीफ़ है ....
और इस वर्ष का होली उत्सव तो भुलाए नहीं भूलने  वाला .....

ढेरों शुभकामनाएं ......!!
जी हां हरकीरत जी, वह होली वाला आयोजन वाकई जानदार रहा, उस आयोजन की याद जेहन में आज भी ताजा है |आप सबका स्नेह ऐसे ही प्राप्त होता रहेगा तो आगे भी बहुत कुछ करने की योजना है |
ओ.बी.ओ. की प्रथम वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! मैं स्वीकार करता हूँ कि इस मंच ने मुझे और परिमार्जित और साहित्यिक रूप से समृद्ध किया है | यहाँ नए नए साहित्यिक मित्र मिले जिन्हें अपनी रचनाये पढाकर और उनकी पढकर जो परस्पर विमर्श हुए वे हम सबकी परिपक्वता में सहायक हुए |इस दौरान आयोजित विविध आयोजन तरही और इवेंट ने सभी को सक्रिय और संतुष्ट किया | लिखने की नयी शैली विकसित हुई नए विषय मिले |अवश्य ही ओ.बी.ओ. एक उल्लेखनीय और स्तुत्य कार्य कर रहा है जो योगदान के लिहाज से अद्वितीय और एक रिकार्ड है | मैंने अपने कई मित्रों को इस साईट के बारे में बताया है जो समयाभाव के कारण शायद सभी रचनाओं पर टिप्पणी नहीं करते है पर वे इस साईट को पढते है और रचनाओं की प्रशंसा करते है | साईट की पूरी टीम और सदस्यों पुनः बधाई और शुभकामनाये !!! हम सब मिलकर अवश्य ही आने वाले वर्षों में एक सार्थक और सक्रिय मील का पत्थर बनने की ओर अग्रसर हैं !!!!!
बहुत बहुत धन्यवाद अरुण जी, आप जैसे सक्रिय और समर्पित सदस्यों के बदौलत ही OBO परिवार नित्य नई उचाईयों को छूने को अग्रसर है |

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सभी सदस्य को एक वर्ष सफलता पूर्वक पूरा कर लेने पर बहुत बहुत बधाई...सही मे एक वर्ष का सफ़र बहुत ही सुखद और नये नये अनुभवों से भरा रहा....मेरी यही कामना है की ओपन बुक्स ऑनलाइन हमेशा कामयाबी की बुलंदियों को चूमता रहे...एक बार फिर से सभी सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद और बधाई....उमीद नही पूर्ण विस्वास है की सभी का साथ पूर्व की तरह ही मिलता रहेगा.....

 

MANY MANY CONGRATULATIONS TO ALL MEMBERS & ADMIN OF THIS PORTAL

प्रीतम जी, जिस तरह से सदस्यों का उत्साह और सहयोग प्राप्त हुआ वह काबिले तारीफ़ है |

वर्ष एक.....

रंग अनेक...

नये अनुभव ....

शुभकामनायों समेत....

धन्यवाद अमितेश जी |
सबसे पहले तो मैं इस ओपन बुक्स ऑनलाइन के संपादक सहित आदरनीय गणेश भैया और प्रीतम भाई जी को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इस पोर्टल की नीवं रखी और अपने मेहनत और व्यवहार के बल पर सदैव इस साईट को साहित्य की दुनिया में शीर्ष स्थान पर पहुचाते हुए आज पहली वर्षगाठ मना रहे हैं.अगर सही मायने में हमसे पूछा जाये तो मैं यही कहूँगा की अगर मुझे हिंदी के प्रति लगाव,प्यार हुआ है तो उसका सारा श्रेय इसी साईट को जाता है.मैंने बहुत कुछ सिखा है इस साईट से जिसे मैं आज महसूस करता हूँ,क्या क्या सिखा वो बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नही है.
इस वर्षगाठ पर सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई 
रत्नेश रमण पाठक 
यांत्रिक अभियंत्रण छात्र 
रत्नेश जी आपका भी सहयोग कम नहीं रहा है इस उपलब्धि में, बधाई आपको भी |

सर्वप्रथम ओबीओ के समस्त लंबरदारों को  प्रथम वर्षगांठ की बधाई। अगर मैं ये कहूं की ओबीओ

अपने एक वर्ष के कार्यकाल में साहित्य के परचम को फ़हराने में पूरी तरह से सफ़ल रहा है तो ये

ज़रा भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। टीम मैनेजेमेन्ट तो अपना काम बख़ूबी निभा रही है ,हम सद्स्यों

को भी अपना शतप्रतिशत सहयोग  सतत  देना होगा तब जाकर एक नई ऊंचाई हासिल होगी।

आदरणीय संजय साहिब, बहुत बहुत धन्यवाद और आपको भी इस सफलता हेतु बधाई |

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
6 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
18 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
yesterday
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service