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aनुमोदन के लिए आभार उस्मानी जी
चाल दर चाल 'शतरन्ज' का सुन्दर कथ्य
चालें खेलकर चरित्र हनन का सुंदर चित्रण हुआ है आदरणीया नीता जी| कृपया सादर बधाई स्वीकार करें|
आदरणीय नीता जी,बधाई . विषयानुरूप कथा की बुनावट . रिश्तों की नकाब तले घिनौनी चालों की बिछी बिसात .
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