For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 74212

Reply to This

Replies to This Discussion

dhanybaad amrendra bhai
प्रीतम जी आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं| इश्वर करे यह दिन आपके जीवन में बार बार आये|

bahut bahut dhanybaad rana bhai....aap log ka aashirvaad paakar dil gad gad hua....isi tarah apna haath mere upar banaye rakhen

 

साथियों आज मेरे बड़े भैया, अच्छे मित्र, और हर दिल अजीज एवं ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संस्थापक गणेश भैया(गणेश जी बागी) का जन्मदिन है...मैंने अपने और पुरे ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की तरफ से गणेश भैया की लम्बी उम्र की प्रार्थना करता हूँ....इश्वर आपको हर दुःख हर तकलीफ से बचाए....सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ आपके पास हो.....और आपके जैसा बड़ा भाई ऊपर वाला सबको नसीब करे....

MANY MANY HAPPY RETURNS OF THE DAY GANESH BHAIYA

 

बहुत बहुत धन्यवाद प्रीतम भाई, आप सब का प्यार देखकर मन गद गद हो गया है, आज मुझे समझ में आ रहा है कि पिछले १ वर्ष में हम लोग कैसा परिवार बना लिया है, सच ईश्वर ऐसा परिवार(OBO परिवार) और आप जैसा मित्र और भाई सबको दे |
अमरेन्द्र भाई इस प्यार हेतु बहुत बहुत धन्यवाद |

गुरु जी, प्रणाम

 



गणेश जी बागी भैया को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !! ओ बी.ओ. के ज़रिये आपने हम सबको एक मंच पर लाने और हमारी प्रतिभा को निखारने का पुनीत कार्य किया है आपको ईश्वर और शक्ति और संसाधन दे और आप और मजबूती से आगे बढ़ें !{कल बाहर था अतः आज ही बधाई स्वीकारें कृपया !}

सादर साथियों !!

 "अमर उजाला" के वाराणसी संस्करण के आज २३ मई २०११ के साहित्यिक पेज पर मेरी ग़ज़ल प्रकाशित हुई है -

ग़ज़ल -

खुदाई जिनको आजमा रही है ,

उन्हें रोटी दिखाई जा रही है |

 

शजर कैसे तरक्की का हरा हो ,

जड़ें दीमक ही खाए जा रही है |

....

(पूरी ग़ज़ल मेरे ओ बी ओ ब्लॉग पर )

 

हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की गृह पत्रिका 'सूचना भारती "के वार्षिक अंक ०५ में भी मेरी ग़ज़ल और दोहे प्रकाशित हुए हैं |

 

दोहे -

 

तंगी नट भैरव हुई और भूख मदमाद ,

महँगाई के कंठ से फूटे नित नव राग |

 

ग़ज़ल -

 

जब भी कवि मन गाता होगा ,

कुछ खोता कुछ पाता होगा |

 

(पूरी रचनाएँ ओ बी ओ पर मेरे ब्लॉग में उपलब्ध हैं )

badhai ho arun bhai....aap isi tarah tarakki ki nayi bulandiyon ko chute rahe  yahi kaamna hai

 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी प्रस्तुति पर पुन: आता हूँ।  करूँगा मैं चर्चा सबुर आप…"
35 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी इस प्रस्तुति पर पुन: आऊँगा।  शुभातिशुभ"
43 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया

पलभर में धनवान हों, लगी हुई यह दौड़ ।युवा मकड़ के जाल में, घुसें समझ कर सौड़ ।घुसें समझ कर सौड़ ,…See More
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service