For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अर्पणा शर्मा -"दीपोत्सव" कविता

मंगलमय हो दीपोत्सव यह शुभ-शुचित,
झिलमिलाये अमावस यह कार्तिक,
नेह-पुष्प तोरण हर द्वार सुसज्जित
सुंदर अल्पनायें आँगन-देहरी रचित,
विकारजन्य स्वदोषों से मुक्ति समाहित,
अंतस के भावों में हो यह कामना सन्निहित,
बैर, अहिंसा, अशांति ना हो किंचित,
ऐसी ज्योति करें सर्वत्र प्रज्वलित,
जनकल्याण सुख-सौभाग्य दीप प्रकाशित,
दीपज्योति वीर-बलिदान समर्पित,
सानंद न्यौछावर हुए जो देश के हित,
तम का क्षय हो, सर्वजन हों आनंदित,
नवचेतना, जागृति हो सर्वत्र संचारित,
बाल-वृन्द हों उत्फुल, उल्लासित,
श्री गणेश-कन्यका तब शुभ-पूजित,
सुख, शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि, प्रगति निमित्त,
कोटि-कोटि शुभकामनाएँ सहर्ष हैं प्रेषित,
मंगलमय हो दीपोत्सव यह शुभ-शुचित...!!

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 645

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on November 2, 2016 at 11:26pm
आदरणीय श्रीमान् विजय निकोरे जी-मेरी कविता पसंद करने के लिये आपका बहुत धन्यवाद ।
Comment by vijay nikore on November 2, 2016 at 9:44pm

आपकी यह सुन्दर कविता पढ़ते हुए इतने अच्छे तुकांत से लगा कोई गीत सुन रहा हूँ।

हार्दिक बधाई, आदरणीया अर्पणा जी।

Comment by Arpana Sharma on November 1, 2016 at 12:17pm
आ.रामबली गुप्ता जी - आपका बहुत आभार ।
Comment by रामबली गुप्ता on November 1, 2016 at 6:00am
अच्छा लिखा है आपने बधाई आपको
Comment by Arpana Sharma on October 31, 2016 at 11:23am
आदरणीय श्रीमान् शेख शहजाद जी, आपकी मुक्त कंठ सराहना से मेरी दीपोत्सव रचना और शुभकामनाएँ सार्थक हुईं । आपका बहुत धन्यवाद, शुक्रिया ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2016 at 10:00am
उत्कृष्ट शुभकामनाएँ उत्कृष्ट शिल्प में पढ़कर मैंने तो अपनी दिवाली मना ली। सब तरह का प्रकाश, सब तरह की सुखदायी आतिशबाज़ी समायी है इस कविता में। तुकांत वाले शब्दों का बेहतरीन प्रयोग। वाह ... तहे दिल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया अपर्णा शर्मा जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
28 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
31 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
35 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
39 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"वाह वाह वाह... क्या ही खूब शृंगार का रसास्वाद कराया है। बहुत बढ़िया दोहे हुए है। आखिरी दोहे ने तो…"
41 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी, बहुत शानदार गीत हुआ है। तल्ला और कल्ला ने मुग्ध कर दिया। जो पेड़ों को काटे…"
47 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आपकी ज़िंदगी ओबीओ  मेरी भी आशिकी ओबीओ  इस समर में फले कुछ समर ऐ समर ये खुशी…"
55 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति। हार्दिक बधाई। आख़री दोहे में  गोल गोल ये रोटियां,…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"वक्त / समय बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। आदरणीय सुशील सरना…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service