For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अच्छे और बुरे पर्दे (लघुकथा) / शेख़ शहज़ाद उस्मानी

स्मार्ट कक्षा में पटल पर अब तीन कानों का सांकेतिक चित्र प्रदर्शित किया गया जिसमें एक खुले हुए कान के दोनों तरफ के कान उँगलियों से ढके हुए थे। अब्राहम लिंकन के 'उनके ही बेटे के हेडमास्टर के नाम पत्र' के अगले पैराग्राफ का हिन्दी अनुवाद समझाते हुए शिक्षक ने छात्रों से कहा- "हेडमास्टर जी, मेरे बेटे को यह भी सिखाइयेगा कि सुने सबकी और जो कुछ भी वह सुने, उसे सत्य की छलनी से छान कर जो अच्छी बात निकले, केवल उसे ही ग्रहण करे!" इतना कहकर शिक्षक ने पटल के चित्र के खुले वाले कान के अंदर की तरफ उँगली से संकेत कर कहा- "भगवान ने कान के अंदर 'प्रश्न चिन्ह' जैसी रचना शायद इसी लिए बनायी है!"

दिलचस्पी से चित्र देखते हुए छात्रों में से एक ने खड़े होकर कहा- "तो क्या इसी लिए भगवान ने मुँह पर होंठ, आँखों पर पलकें और कानों में पर्दे बनाये हैं?"

"हाँ, इसी कारण भी! लेकिन जब हमारी अक़्ल पर ही पर्दे पड़ जाते हैं, तब इन इन्द्रियों, इतिहास और ऐसे महापुरुषों का क्या काम !"

फिर एक पल रुक कर पटल पर चित्र बदलते हुए शिक्षक ने कहा- "अक़्ल पर पर्दे पड़ने के कारण ही तो हमारी नई पीढ़ी अपसंस्कृति अपना रही है!"

उस चित्र में गाँधी जी के तीन बंदरों की हथेलियाँ क्रमशः कान, मुँह और आँखों पर थीं।

[मौलिक व अप्रकाशित]

Views: 415

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 27, 2017 at 8:13pm
इस ब्लोग-पोस्ट पर त्वरित प्रतिक्रिया देने, राय साझा करने व हौसला अफ़जा़ई हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय राजेश कुमारी जी व आदरणीय डॉ. आशुतोष मिश्रा जी। कृपया लघुकथा संदर्भ में कमियों पर भी रोशनी डालकर हमें मार्गदर्शन करें
Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 27, 2017 at 7:18pm
आदरणीय शेख जी आपकी सोच को सलाम सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 27, 2017 at 5:34pm

चित्रों के माध्यम से बच्चों को संस्कृति का पाठ पढ़ाना उन्हें नसीहत देना अच्छा लगा काश आज की युवा पीढी इन चित्रों के अर्थ को इनके संकेतों को समझ सके इनको समझाने के लिए योग्य शिक्षक का होना भी उतना ही आवश्यक है |बहुत खूब ...बधाई आपको आद० उस्मानी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
14 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service