फूट फूट के रोवत बाड़ी महतारी भारती,
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गुरु जी आजू के हालात के सन्दर्भ में बहुत ही बरियार रचना प्रस्तुत कईले बानी, बहुत ही धार दार वार बा, बहुत बहुत बधाई एह रचना पर, कुछ टंकण सम्बंधित त्रुटी लउकल हा, सुझाव के तौर पर नीचे तनी ढेर करिया कर के वोह शब्दन के लिख दिहले बानी, नीक लागी त सुधार लेब, काहे से की नीमनो रचना ना नीक टंकण होखे से हास्यास्पद हो जाला अउर उ असर ना छोड़ पावेला जवना खातिर लेखक लिखेला | आगे राउर मर्जी :-)
फूट फूट के रोवत बाड़ी महतारी भारती,
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