For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

संस्कृत है अंगरेजी का मूल : संजीव वर्मा 'सलिल'

संस्कृत है अंगरेजी का मूल :

संजीव वर्मा 'सलिल'

*

                    भारत में अ-मृत वाणी संस्कृत को मृत, हिंदी को स्थानीय तथा अंगरेजी को विश्व भाष मानने की भ्रामक धारणा व्याप्त है। इसका मूल कारण यह है कि अंगरेजी विदेशी शासकों की भाषा रही है और हिंदी शोषित शासकों की। यह स्वाभाविक है कि हर शासित अपने पुत्र को शासक बनाना चाहे। इस चाह ने भारतीयों के मन में बच्चों को अंगरेजी पढ़ाने की मानसिकता पैदा की। इसके साथ ही प्रशासनिक सेवा में कार्य कर रहे अफसरों ने खुद को अन्य जनों से अधिक अधिकार संपन्न बताने के लिए अंगरेजी का व्यवहार किया। 

 

                    मनोवैज्ञानिकों द्वारा बार-बार यह बताने के बाद भी कि शिशु मातृभाषा में अधिकतम  सरलता तथा सहजता से ज्ञान को ग्रहण कर सकता है, समझ सकता है तथा स्मरण रख सकता है, भारतीयों में शिशु को अंगरेजी माध्यम से शिक्षा दिलाना प्रतिष्ठा का प्रश्न मान लिया गया है। ऐसे अंगरेजी प्रेमी भारतीयों को संस्कृत अव्यावहारिक प्रतीत होती है जबकि अमरीकी संस्था  नासा अपने अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों को संस्कृत सिखाने के लिए संस्कृतविदों को आमंत्रित कर रही है। अमरीकी राष्ट्रपति अपने देशवासियों को  हिंदी सीखने की प्रेरणा दे रहे हैं। 

 

                    अन्ग्रेजी भक्तों को यह जानकर विस्मय होगा कि अंगरेजी के अनेक शब्द उसी संस्कृत से व्युत्पन्न हैं जिसे वे हेय मानते रहे हैं। संस्कृत की एक धातु है 'स्थ' जिससे स्थल, स्थान, स्थिति, स्थगन, स्थगित, प्रतिष्ठित, प्रतिष्ठा आदि शब्द बने। 'स्था तिष्ठति' का साधारण अर्थ है यथास्थिति जैसा का तैसा रहना। एक जगह खड़ा रहने के लिए स्थिरता की आवश्यकता होने से स्थिर रहना भी अर्थ में जुड़ गया। उसके लिए फिर परिश्रमपूर्वक डटे रहना भी अपेक्षित है। इसी प्रकार डटे रहने से अंत तक बचे रहने का भाव जुड गया। प्रतीक्षा करने के लिए भी खड़ा रहना पड़ता है, साथ में विलम्ब करना भी जुडा। ऐसे १६ अर्थ संस्कृत शब्दकोषों में दिए गए हैं।

 

स्था (१ उ.) तिष्ठति-ते, के १६ अर्थ
१ खडा होना,
२ ठहरना, डटे रहना, बसना, रहना,
३ शेष बचना,
४ विलम्ब करना, प्रतीक्षा करना,
५ रूकना, उपरत होना, निश्चेष्ट होना,
६ एक ओर रह जाना
७ होना, विद्यमान होना, किसी भी स्थिति में होना
८ डटे रहना, आज्ञा मानना, अनुरूप होना
९. प्रतिबद्ध होना
१० निकट होना,
११ जीवित रहना, सांस लेना
१२ साथ देना, सहायता करना,
१३ आश्रित होना, निर्भर होना
१४ करना, अनुष्ठान करना, अपने आपको व्यस्त करना
१५ सहारा लेना, मध्यस्थ मान कर उसके पास जाना, मार्ग दर्शन पाना
१६ (सुरतालिंगन के लिए) प्रस्तुत करना, उपस्थित होना
 
अंग्रेज़ी शब्दों के उदाहरण:
संस्कृत का  'स्थ' को फारसी में 'स्त' होकर अंगरेजी में 'st' हो गया। 'स्थान' 'स्तान' हुआ, पाक (पवित्र) स्थान पाकिस्तान हो गया। रोमन लिपि में 'थ' तो है नहीं इस लिए उच्चारण 'स्थ' से 'स्ट' बना होगा, ऐसा तर्क असंगत नहीं है। निम्न प्रत्येक शब्द में ST देखिए, और उनके साथ उपर्युक्त १६ में से जुडा हुआ, कोई न कोई अर्थ देखिए।
(0१) Stable = स्थिर।
(0२) Stake = स्थिर, अचल।
(0३) Stack = थप्पी, ढेर एक जगह पर लगाई जाती है।
(0४) Stage = मंच जो एक जगह पर स्थिर बनाया गया है।
(0५) Stability =स्थिरता।
(0६) Stackable = एक जगह पर ढेर किया जा सकनेवाला पदार्थ
(0७) Stagnancy = रुकाव, अटकाव, जड़ता, स्थिरता।
(0८) Stagnate = एक जगह स्थिर/रोक रखना।
(0९) Stageable =स्थित मंच पर मंचन योग्य।
(१०)   Stager = मंच पर अभिनय करने वाले।
(११)   Stabilize = स्थिरीकरण की क्रिया।
(१२)   Stand  = एक जगह बनाया हुआ मंच
(१३)   Stadium = खेल का मैदान, क्रीडांगण
(१४)   Stillroom = रसोई के साथ छोटा रसोई की सामग्री संग्रह करने का कक्ष।
(१५)   State = विशेष निश्चित भूमि (राज्य)
(१६)    Street = गली, जो विशेष स्थायी पता रखती है।
(१७)   Stand = स्थिर रूप में सीधा खड़ा रहना। स्थापित होना, एक स्थान पर टिकना
(१८) Standards = स्थापित, शाश्वत आदर्श मापदंड, मानक

(१९) Staid = स्थिर, गम्भीर

(०)  Stabilize = स्थिर करने का उपकरण।

(२१)  Stabilization   = स्थिरता।

__________ 

 courtsey: dr. M. D. Jhaveri

 

Views: 1892

Replies to This Discussion

आदरणीय संजीव सर ..

समृद्ध संस्कृत के शब्दकोष के एक छोटी ज्ञानवर्धक झलक से अवगत करने के लिए आपका धन्यवाद और बहुत -२ बधाई .. वाकई में संस्कृत तो सभी भाषाओ की जननी है .. ये जानकार हमेशा गर्व होता है /

प्रिय महिमा जी
हिंदी के प्रति रुचि हिंदी से सम्बंधित सामग्री पर आई टिप्पणियों से मिल जाती है. आपकी रुचि हेतु बधाई. यातःवासर ऐसी और सामग्री प्रस्तुत की जाएगी.

आदरणीय श्रीमान सादर अभिनन्दन स्वीकारें!
एक शब्द मे छिपी इतनी गहन जानकारी प्रदान करने के लिए आपका आभार।
'यात:वासर' का सम्भावित अर्थ तो समझ रही हूं पर महोदय वास्तिक अर्थ से अवगत होना चाहती हूं.
और अगले शब्द की जानकारी के लिए भी स्वागोत्सुक हूं.
सादर

प्रिय वंदना जी
वन्दे मातरम.
मैं यथावसर टंकित कर रहा था, त्रुटि हो गयी. खेद है.

आदरेय सादर नमन्!
क्षमा करें महोदय मैं समझ नहीं पाई थी।
इसी श्रंखला में एक निवेदन करना चाहूंगी कृपया अपना विचार देकर और स्पष्ट करें-
'ईन्' शब्द का प्रयोग देवी-भागवत् जी में 'शक्ति' के लिए किया गया है और कहा गया है कि शक्ति(देवी) का उद्गम हमारे भारत मे ही हुआ है अर्थात-
ईन्+दिया
अपनी उच्चारण शैली के अनुरूप अंग्रेजों ने हमारे देश को 'इन्डिया' नाम दिया।
सादर

वंदना जी !

'ईन्' शब्द का प्रयोग देवी-भागवत् जी में 'शक्ति' के लिए किया गया है और कहा गया है कि शक्ति(देवी) का उद्गम हमारे भारत मे ही हुआ है अर्थात-
ईन्+दिया
अपनी उच्चारण शैली के अनुरूप अंग्रेजों ने हमारे देश को 'इन्डिया' नाम दिया।

 

उक्त सन्दर्भ में: 

इन - पुल्लिंग, संस्कृत, स्वामी, प्रभु, राजा, सूर्य। इस का बहुवचन।

देखें: बृहत् हिंदी कोष, पृष्ठ १४८।

इन - इन्हों, ये।

देखें: समान्तर कोष, हिंदी थिसारस। 

प्रथम अर्थ को स्त्रीलिग़ प्रयोग किया जाए तो स्वामिनी अथवा देवी अर्थ पाया जा सकता है. 

एक मत के अनुसार 'सिन्धु' नदी का फ़ारसी उच्चारण 'इंदु' हुआ जिसे अंग्रेजों ने 'इंडस' और उसके  आधार पर सिन्धु के इस पार के भूभाग को 'इंडिया' कहा. 

स्वतंत्रता के बाद हम 'भारत' क्यों नहीं कहते जबकि कतिपय लोग 'हिन्दुस्तान' कहते हैं.

अपने में अपनेपन  का भाव जगा,
   अपनों से अपना अनुराग लगा ।

 वाह !! क्या सुन्दर तथ्यों का यहां अवलोकन हुआ है।  इस जानकारी के लिए आभार आपको आदरणीय संजीव वर्मा 'सलिल' जी। 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service