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Tarlok Singh Judge's Discussions (12)

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प्रधान संपादक

"बहुत खूब जनाब | दीपक साहब मेरे उस्ताद थे जी इस ग़ज़ल को  अपने फेस बुक प्रोफाइल में प…"

Tarlok Singh Judge replied Jan 24, 2011 to जनाब दीपक "जैतोई" साहिब की पंजाबी ग़ज़ल का हिंदी अनुवाद

29 Sep 22, 2016
Reply by Samar kabeer

सदस्य टीम प्रबंधन

"सत्य से है फासला हालात से इनकार है , आदमी इस दौर का बिकता हुआ अखबार है |   वह जनाब ह…"

Tarlok Singh Judge replied Jan 23, 2011 to OBO लाइव तरही मुशायरा-7(Closed Now)

624 Jan 24, 2011
Reply by Shesh Dhar Tiwari

सदस्य टीम प्रबंधन

"रूह की गहराईयों से प्यार का इज़हार है  देश के कण कण से औ’ जन जन से मुझको प्यार है…"

Tarlok Singh Judge replied Jan 22, 2011 to OBO लाइव तरही मुशायरा-7(Closed Now)

624 Jan 24, 2011
Reply by Shesh Dhar Tiwari

सदस्य टीम प्रबंधन

"मेरे पैरों में घुंघरू बांध के वह मुस्कुराता है फखर से फिर वह मेरे नाच की बोली लगाता…"

Tarlok Singh Judge replied Nov 21, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-५ (Closed now)

574 Nov 24, 2010
Reply by sanjiv verma 'salil'

सदस्य टीम प्रबंधन

"उफ़ ये दस्तूर दुनिया में बनाया है किसने| बेबसी के उदर से जन्मता शायर क्यूँ है|९| बे…"

Tarlok Singh Judge replied Oct 1, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-4 (Now Close)

268 Oct 5, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"मुमताज जी आपकी कलम चूमने को जी चाहता है बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही आपने मिट गई वक़्त के…"

Tarlok Singh Judge replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी, कमल की ग़ज़ल कही आपने - ये शेअर बहुत अछा लगा है रात ने ग़म-…"

Tarlok Singh Judge replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"Navin C. Chaturved Ji Thanks a lot"

Tarlok Singh Judge replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"राणा जी बहुत शुक्रिया, यह पोस्टिंग आप के ही सहयोग से कर सका हूँ वर्ना मैं तो मायूस ह…"

Tarlok Singh Judge replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

सदस्य टीम प्रबंधन

"Yograj Prabhakar जी आप ने मेरा हौसला बढाया है ग़ज़ल को पसंद करने के लिए हार्दिक धन्य…"

Tarlok Singh Judge replied Sep 18, 2010 to OBO लाइव तरही मुशायरा-3 (Now Closed)

380 Sep 23, 2010
Reply by योगराज प्रभाकर

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Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
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Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
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