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AVINASH S BAGDE's Discussions (3,412)

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"खोद रहा है जड़ें  अपने ही गाँव की,बचवा पड़ोस का वो जबसे शहर गया!!...कृपया यूँ सुधार क…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"मैं चूमता ही रह गया हूँ तेरे नक़्श-ए-पा, तूने तो अलविदा कहा, और अपने घर गया |  बच्चों…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"(१)शब्दों के तीर छोड़ वो जैसे उधर गया    आँखों में गर्म खून का लावा उतर गया ...उम्दा…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दरिया को अपने इल्म का मालूम है हुनर   जिधर गयी बहती हुई उधर शहर गया...WAH.. जीना है…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"देखो तो उसकी मां का चेहरा उतर गया.पकड़ा गया था झूठ ,बकरा किधर गया???मदहोश हो शराबी क…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दुनिया कोई नुमाइश थी जो ख़त्म हो गई   आँखों के सामने से ज़माना गुज़र गया shandar gaz…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"Sir..KAN PAKAD KE KSHAMA...!! dono kan pakadiye aadarniy...ha...ha...ha"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"उफ़ गुनगुनाती शाम की उठती हुई पलकें,दिल को बचाने का मेरे सारा हुनर गया ll   हुनर...W…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"दो रोज शाख पे खिला ,खिल कर बिखर गयाआई  बहार , गुलिस्तां  फिर   से सँवर  गया |...शानद…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"तेरी ही आरज़ू में ये गुजरी हे ज़िन्दगीतेरी ही जुस्तजू में ये सारा सफ़र गया ..WAH-WAH..…"

AVINASH S BAGDE replied Sep 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक २७ (Now Closed)

719 Sep 30, 2012
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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