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राज़ नवादवी's Discussions (490)

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"वाह वाह, बहुत ख़ूब आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब, क्या कहने, दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता…"

राज़ नवादवी replied Dec 29, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102

629 Dec 29, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह वाह, बहुत ख़ूब आदरणीय समर कबीर साहब, क्या कहने  सारी दुनिया के लिये वो सिन रसीदा…"

राज़ नवादवी replied Dec 29, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102

629 Dec 29, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, बहुत ख़ूब आदरणीय महेंद्र कुमार जी, क्या कहने- इस में गिरती हर नदी थी मीठे पानी…"

राज़ नवादवी replied Dec 29, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102

629 Dec 29, 2018
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अशफाक़ अली साहब, आदाब. ग़ज़ल बहुत अच्छी बन पड़ी है, दाद के साथ मुबारकबाद. मगर जैस…"

राज़ नवादवी replied Dec 29, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102

629 Dec 29, 2018
Reply by Samar kabeer

"२१२२ २१२२ २१२२ २१२ तेरे लब पे आके यूँ हर लफ्ज़ ता'ना बन गया हाल पुर्सिश की थी हमने, ल…"

राज़ नवादवी replied Dec 29, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-102

629 Dec 29, 2018
Reply by Samar kabeer

"जनाब राह साहू जी आदाब, ग़ज़ल की प्रस्तुति एवं मुशायरे में शिरकत पे ढेरों बधाई. बहुत खू…"

राज़ नवादवी replied Nov 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101

930 Nov 24, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह वाह, बहुत खूब जनाब लक्ष्मण सिंह साहब, क्या कहने... मान बैठे जो आइना खुद को पत्थ…"

राज़ नवादवी replied Nov 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101

930 Nov 24, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, बहुत ख़ूब आदरणीय मोहन बेगोवाल जी, क्या कहने... डूब जाये न चाँद भी मेरा इस के रह…"

राज़ नवादवी replied Nov 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101

930 Nov 24, 2018
Reply by Samar kabeer

"वाह, बहुत ख़ूब आदरणीया अंजलि गुप्ता जी, क्या कहने... है जो इक़रार होठों से मुश्किल अप…"

राज़ नवादवी replied Nov 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101

930 Nov 24, 2018
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय दंडपाणि जी आदाब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे हार्दिक बधाई स्वीकार करें. सादर "

राज़ नवादवी replied Nov 24, 2018 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-101

930 Nov 24, 2018
Reply by Samar kabeer

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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
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"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
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