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shree suneel's Discussions (310)

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"आदरणीय शिज्जू सर जी.. दिल से दाद आपको पूरी ग़ज़ल के लिये. बुझी-बुझी हुई बेआस नज़रों…"

shree suneel replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सिमट सिमट के जिए जा रहा था मैं लेकिन किरण किरण ने सिखाया मज़ा बिखरने का.. बहुत ख़ूब आ…"

shree suneel replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको आदरणीय रिज़वान जी. सादर"

shree suneel replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"इस शानदार ग़ज़ल के लिये दिल से दाद आदरणीय समर कबीर सर जी. हर शे'र कामयाब, गहरे भाव ल…"

shree suneel replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हरेक बात पे बस हाँ में हाँ नहीं कहते समझ लो मित्र नया ढंग ये मुकरने का... बहुत बढि़य…"

shree suneel replied Dec 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ये वादियाँ,ये चमन,औ सफेद झरने का है लुत्फ़ ख़ूब तेरी ज़ीस्त में उतरने का. ख़ुनुक फ़…"

shree suneel replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तुमने देखा मुझे वह समय भी रहा तुमने चाहा मुझे कान में कुछ कहा हमने सपने सजाये विकल भ…"

shree suneel replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"मनुज उठो अब समय शिला पर इक स्वर्णिम युग अंकित कर दें मानवता निष्प्राण अचेतन पड़ी उसे…"

shree suneel replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"इस सुन्दर रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई आपको आदरणीय महर्षि जी."

shree suneel replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"समय बुरा तो मित्र पड़ोसी, सगे सम्बंधी मुँह फेरें। कृपा करें ना देव देवियाँ, नौ ग्रह आ…"

shree suneel replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

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Sushil Sarna posted a blog post

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Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
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