For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

surender insan's Discussions (365)

Discussions Replied To (341) Replies Latest Activity

"आदरणीय बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई हो जी।सभी अशआर बहुत उम्दा हुए है जी। सादर न…"

surender insan replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय कालीपद जी निस्सन्देह आपका प्रयास सराहनीय है जी। इसे जारी रखे जी और सब गुणीजनो…"

surender insan replied Feb 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जी बेहद दिली शुक्रिया जी आपका आदरणीय रवि शुक्ला जी। बहुत बहुत आभार जी। आपकी उत्साहवर…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह जी वाह बेहद लाजवाब जी । बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल हुई जी आदरणीय। दिली मुबारकबाद कबूल क…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"है इल्तिज़ा न करो आज इंतज़ार की बात। करो अगर तो करो आज आप प्यार की बात।। कि हो रहा है…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आमीन!!!"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मुनीश जी बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने। सादर नमन जी। बहुत बहुत दिली मुबारक बाद जी।"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"पुराने लगने लगे आसमाँ , ज़मीं, ये जहाँ कि छेड़ो आज कोई इस जहाँ के पार की बात वाह जी व…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह जी वाह बेहद लाजवाब जी । बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल हुई जी आदरणीय। दिली मुबारकबाद कबूल क…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह जी वाह बेहद लाजवाब जी । बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल हुई जी आदरणीय शिज्जु शकूर जी। दिली म…"

surender insan replied Feb 24, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-80

527 Feb 26, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल पर नज़र ए करम का जी गुणीजनो की इस्लाह अच्छी हुई है"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मार्ग दर्शन व अच्छी इस्लाह के लिए सुधार करने की कोशिश ज़ारी है"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सहृदय शुक्रिया आदरणीय इतनी बारीक तरीके से इस्लाह करने व मार्ग दर्शन के लिए सुधार करने की कोशिश…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम - सर सृजन पर आपकी सूक्ष्म समीक्षात्मक उत्तम प्रतिक्रिया का दिल…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"मतला नहीं हुआ,  जनाब  ! मिसरे परस्पर बदल कर देखिए,  कदाचित कुछ बात  बने…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आराम  गया  दिल का  रिझाने के लिए आ हमदम चला आ दुख वो मिटाने के लिए आ  है ईश तू…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्श के लिए आभार। तीसरे शेर पर…"
6 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"तरही की ग़ज़लें अभ्यास के लिये होती हैं और यह अभ्यास बरसों चलता है तब एक मुकम्मल शायर निकलता है।…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"एक बात होती है शायर से उम्मीद, दूसरी होती है उसकी व्यस्तता और तीसरी होती है प्रस्तुति में हुई कोई…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी हुई। बाहर भी निकल दैर-ओ-हरम से कभी अपने भूखे को किसी रोटी खिलाने के लिए आ. दूसरी…"
7 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल अच्छी निबाही है आपने। मेरे विचार:  भटके हैं सभी, राह दिखाने के लिए आ इन्सान को इन्सान…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service