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राज़ नवादवी's Discussions (490)

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"आदरणीया राजेश जी, आपने ग़ज़ल में शिरकत की, इसका दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. अशआर पसं…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय महेंद्र कुमार जी, किसी गलतफ़हमी के कारण अर्थ न दिए जाने की भूल के लिए क्षमाप्र…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपका ह्रदय से आभार! "

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय समर साहब, आप मेरे सुधि पाठक ही नहीं, रहनुमा भी हैं, मैं तो बस शाएरी का एक ताल…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
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"आदरणीय सलीम रज़ा साहब, सुन्दर ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद. ख़ासकर ये शेर: पेंड पीपल क…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीया सलीम रज़ा साहब, आपकी मुबारकबाद का दिल से शुक्रिया. सादर "

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
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"आदरणीया सुनंदा जी, आपकी मुबारकबाद का दिल से शुक्रिया. मैं ममनून हूँ आपने ग़ज़ल में शिर…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
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"आदरणीया राजेश कुमारी जी, सुन्दर  ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दिल से मुबारकबाद कुबूल करें…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
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"आदरणीय रवि शुक्ला जी सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दिल से मुबारकबाद. खासकर ये अशआर…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
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"आदरणीय बलराम धाकड़ जी, ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दिल से मुबारकबाद. खासकर ये शेर सुन्दर…"

राज़ नवादवी replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

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"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
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दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
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