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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s Discussions (5,140)

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"आ0 भाई तस्दीक अहमद जी इस सुंदर गजल के लिए हार्दिक बधाई ।"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ० भाई दिनेश जी अभिवादन ग़ज़ल पोस्ट तो की थी पता यहीं कैसे गायब हो गयी पुनः पोस्ट कर द…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"उन्हें तो शौक परिंदों  के पर कतरने कामगर तू हौसला रखना उड़ान भरने का /1बिछा के  जाल…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तमस में उत्तर के तारे सी चमकती इस ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई ..आ० मिथिलेश भाई"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ० भाई समर कबीर जी इस बोलती ग़ज़ल के लिए कोटि कोटि बधाई l"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ख़बर फरिश्ते ये लाये हैं इब्ने मरियम की ये दिन है आज का सजने का और संवरने का बहुत खू…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सिमट सिमट के जिए जा रहा था मैं लेकिन किरण किरण ने सिखाया मज़ा बिखरने का आ० भाई रवि जी…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"न टिक सका कभी मौसम के सामने कोई सबब ये भी था मेरे टूटने बिखरने का सुंदर ग़ज़ल हुई है औ…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत खूब .....हार्दिक बधाई l"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हरेक ईंट का, हरदम जवाब पत्थर हो अभी समय नहीं है प्यार में उतरने का बहुत ही सुंदर ग़ज़ल…"

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied Dec 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-66

700 Dec 27, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
4 hours ago

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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
5 hours ago

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गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
22 hours ago
Shabla Arora updated their profile
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Shabla Arora is now a member of Open Books Online
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रदत्त विषयानुसार मैंने युद्ध की अपेक्षा शान्ति को वरीयता दी है. युद्ध…"
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"   आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत गीत रचना को सार्थकता प्रदान करती प्रतिक्रिया के…"
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
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