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"इलाहाबाद नैनीताल या फिर शांत पटियाला फिजाएं नूर की चादर बिछाती हैं दिवाली में  वाह ब…"

vandana replied Oct 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"कतारों में जले दीपक, पटाखे और फुलझड़ियाँ किसी रमुआ के बच्चे को लुभाती है दिवाली में…"

vandana replied Oct 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"आप वरिष्ठ सदस्यों के मार्गदर्शन को समर्पित है यह रचना सर कम लिख पाने की बैचैनी हमेशा…"

vandana replied Oct 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"निश्शब्द हूँ आदरणीय सर आप के द्वारा इतना मान पाकर ....ईश्वर मेरे पैरों को जमीन मत छो…"

vandana replied Oct 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बहुत २ आभार आदरणीय सौरभ सर यह तो  इस कार्यशाला की विशेषता है और हमारा सौभाग्य कि हम…"

vandana replied Oct 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बमों से गूँज उठते हैं अमीरों के तो घर आँगनगरीबों को मगर सिसकी सुलाती हैं दिवाली मेंक…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"      यही जो रौशनी अब  मुसकराती है दिवाली में |वही मन की सियायी को मिटाती है दिवाली…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बहुत सुन्दर ग़ज़ल आदरणीया सरिता जी  पटाखों को नहीं कहकर, ख़ुशी से झूमते बच्चे सुरक्षा आ…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है आदरणीय  उजालों में नहा कर छत, मुंडेरें और दीवारें तराने ज़िन्…"

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"ग़ज़ल वाकई बहुत अच्छी है "

vandana replied Oct 24, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 52

300 Oct 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

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"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

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मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30

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