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अरुण कुमार निगम's Discussions (3,693)

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"न आये थे न आयेंगे हमारे पास अच्छे दिन हमें मिथिलेश जी दिखला रहे हैं खास अच्छे दिन ग…"

अरुण कुमार निगम replied Jan 16, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51(Now Closed with 1020 Replies)

1020 Jan 17, 2015
Reply by Ashok Kumar Raktale

""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51  "अच्छे दिन" कब लौटेंगे  यारों अपने  , बचपन वाले अच्…"

अरुण कुमार निगम replied Jan 16, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-51(Now Closed with 1020 Replies)

1020 Jan 17, 2015
Reply by Ashok Kumar Raktale

"आदरणीय भुवन जी, उम्दा गज़ल.... जुगनू के सहारे मैं चलता ही चला पथ में ‘ये चाँद बहुत भ…"

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"आदरणीया वन्दना जी, ख़ूबसूरत गज़ल, बधाई.............."

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"आदरणीय लक्ष्मण जी, बढ़िया गज़ल हुई, बधाई..............."

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"कागज की भी कश्ती का हमको न तजुरबा था! और नाव चले लेकर तूफानी हवाओं में!! इस् बेहतरी…"

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"अंजाम खुदा जाने नादान तमन्ना का इक दीप जलाया है हमने भी हवाओं में वाह आदरणीय खुरशी…"

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"आदरणीय खुरशीद जी, अंजाम खुदा जाने नादान तमन्ना का इक दीप जलाया है हमने भी हवाओं में…"

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"आदरणीय शिज्जू जी, बेहतरीन गज़ल, बधाइयाँ .........."

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

"वाह आदरणीय मोहन जी उस दौर की बातें क्या अब कोई बताएगा जो बात बताते अब मिलती है कथाओ…"

अरुण कुमार निगम replied Dec 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 54

597 Dec 27, 2014
Reply by शिज्जु "शकूर"

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Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
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pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
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14 hours ago

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"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
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Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
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Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
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"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
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"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
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Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
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