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नयना(आरती)कानिटकर's Discussions (929)

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"आदरणीय सुधीर जी। रामलीला का जिक्र छेड अपने बचपन याद दिला दिया."मौक़ा पाते ही उसने झटक…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ० मधुसूदन जी प्रदत्त विषय पर अच्छी लघु कथा  के लिये हार्दिक बधाई "

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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" वाह! वाह! क्या समझदारी से आपने समझदार का आक्रोश दिखया बेहद उम्दा.  ह्रदयतल से बधाई…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ.ओमप्रकाश जी सरकारी व्यवस्थाओ पर आक्रोश दर्शाती इस रचना हेतू आपको बहुत बहुत बधाई"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ.राजेश दीदी आए दिन जाम की समस्या से जूझते ऐसे दृश्य देखने को मिल जाते हैं,और एक साम…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आदरणीय डॉ टी आर सुकुल जी मार्मिक चित्रण करती हुई इस रचना के लिए हार्दिक बधाई "

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आद० तस्दीक जी एक सच्चाई को अपनी रचना मे ढालना भी एक तरह का आक्रोश ही हुआ जिसे अपने ब…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ.डा. विजय जी कूटनीतिक दृष्य को शाब्दिक करती आपकी बढिया प्रस्तुति के लिये बधाई आपको"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ. राहिला जी एक अलग से कथानक के साथ जनता के आक्रोश का आपने बखूबी चित्रण किया है. सच…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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"आ. आर्चना जी क्या खूब आक्रोश फूटा है आपकी रचना मे. जैसे भी हो निभाना मजबूरी थी . "अच…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jun 30, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-15 (विषय: आक्रोश)

955 Jun 30, 2016
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"उत्साहदायी शब्दों के लिए आभार आदरणीय गिरिराज जी"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज जी"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आदरणीय अजयन  भाई , परिवर्तन के बाद ग़ज़ल अच्छी हो गयी है  , हार्दिक बधाईयाँ "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"आदरणीय अजय भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई ,  क्यों दोष किसी को देते हैं, क्यों नाम किसी…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. नीलेश भाई बेहद  कठिन रदीफ  पर आपंर अच्छी  ग़ज़ल कही है , दिली बधाईयाँ "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. नीलेश भाई , बेहतरीन ग़ज़ल हुई है ,सभी शेर एक से बढ कर एक हैं , हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )

१२२२    १२२२     १२२२      १२२मेरा घेरा ये बाहों का तेरा बन्धन नहीं हैइसे तू तोड़ के जाये मुझे अड़चन…See More
9 hours ago
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ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं

मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं मगर पाण्डव हैं मुट्ठी भर, खड़े हैं. .हम इतनी बार जो गिर कर खड़े हैं…See More
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)

देखे जो एक दिन का भी जीना किसान का समझे तू कितना सख़्त है सीना किसान का मिट्टी नहीं अनाज उगलती है…See More
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
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yesterday

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