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"आपके अमूल्य शब्दों ने मेरा हौसला बढाया आदरणीय सादर धन्यवाद "

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"छुप-छुपा के  आया है , पास अपनी दादी के कौन खुश हुआ ज्यादा, कुल्फियाँ समझती हैं. यह श…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"अच्छे विचार पिरोये हैं आदरणीय आपने "

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"ज़िस्म बेधकर कुन्दन टाँगना सजावट को दर्द ऐसी रस्मों का बच्चियाँ समझती हैं || रंग-रू…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"सिर्फ़ पढ़ने-लिखने से नौकरी नहीं मिलती  दाँव-पेंच दफ़्तरों के डिग्रियाँ समझती हैं।  …"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

" बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत२ बधाई आदरणीय सज्जन सर  सूट बूट को नायक, झुग्गियाँ समझती है…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"जब ज़मीं सुलग जाऐ, आसमां दहक जाऐ...कब कहाँ बरसना है, बदलियाँ समझती है.....[४] लाख…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"वो हमारी आँखों की अर्जियां समझती हैं है लिखी जो दिल पे वो पोथियाँ समझती हैं बहुत बढ़…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"दासता क्या होती है दासियाँ समझती हैं इंतज़ार होता क्या बेड़ियाँ समझती हैं  बहुत खूब आ…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"मांझियो की ताकत को मांझियों के फन को भी जब नदी उफनती है किश्तियाँ समझती हैं मांगती…"

vandana replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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