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इमरान खान's Discussions (790)

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"//मेहंदी रचती हैं हाथ कहीं कोई मांग उजड़ है जाती  उफनाती नदियाँ लील रहीं, कहीं बाबा…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"//नंगे पाँव ठहरे पानी में चलना, गिरना रोना किसी और के फिसलने पर हँसना चुप होना,// व…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"/* छत, आँगन, क्यारी में बूँदों की छनन-छनन है कलियाँ लगतीं हैं उनींदी महका-महका उपवन…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"///बारिश में उफनती हुई बेबाक नदी तुम ,  मुझपर कड़ा गुज़रा तेरी हर रात का मौसम |// वाह…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"//मस्ती भरी हवा है, मख़मूर सी फ़ज़ा है  धरती की सोंधी ख़ुशबू, हर-सू महक रही है// मौस…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"सुन्दर विचारों से भरी सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें."

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"बरखा रुत का सुन्दर प्रस्तुतीकरण"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"वाह बहुत खूबसूरत ... //मैं जगा रात भर तो सोया नींद भर .. जागी जागी रातों का वो प्यार…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
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"गरीबी, देहाती जीवन और बेबसी का बहुत ही सुन्दर चित्रण है ये...बहुत मार्मिक सत्य."

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

"/* मकाने-हुस्न में बरखा बहार आई है,मज़ारे- इश्क़ की  गलियां सुधार आई है। कभी तो सूखा क…"

इमरान खान replied Jul 10, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक ९

1024 Jul 11, 2011
Reply by Admin

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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, आपने मेरी टिप्पणी को मान दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय संजय शुकला जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
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