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"कश्मकश में कहीं छूटे सपने,  उनके बारे में सोचती हो क्या ? बेरुखी का मैं क्या करूँ  "…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बनके आये तो थे खुशी लेकिनमुझसे मिलकर उदास भी हो क्या वाह बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय "

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"यूँ नहीं बात दिल में रखते हैं ‘मुझ से मिल कर उदास भी हो क्या’ एक से बढ़कर एक शेर आदर…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"रात दिन देखती थी गहनों को,फर्श पर आज सो रही हो क्या?.... वाह  एक पल भी नहीं ठहरती हो…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"तान से तान ही मिलाई है,साथ मिलकर कभी चली हो क्या? वाह बहुत खूब आदरणीय सत्यम जी "

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"तुमको देखा तो धड़कनें थिरकीं  हमसफ़र, तुम ही ज़िंदगी हो क्या   राह गढ़ते हो मेरी खातिर य…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"उँगली मुझपे उठाने से पहले सोच लेना की खुद सही हो क्या जिसने पाला करे हलाल वही इससे ब…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"बातों–बातों में भीग जाता हूँ मेरी आखों की तुम नमी हो क्या बे-कदर रोज बढती जाती हो तु…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"लालसा तृप्ति तिश्नगी हो क्या,कल्पना प्रेम प्रेयसी हो क्या, मुग्ध हैं देवता सभी तुमपर…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
Reply by Saurabh Pandey

"तुमको महसूस कर रहा हूँ मैं माँ कहीं आस पास ही हो क्या कमाल की ग़ज़ल आदरणीय एक एक शेर…"

vandana replied Mar 30, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-45 (Now Closed)

1280 Mar 31, 2014
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"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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"धन्यवाद आ. अजय जी "
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Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"क़रीना पर आपके शेर से संतुष्ट हूँ. महीना वाला शेर अब बेहतर हुआ है .बहुत बहुत बधाई "
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"हार्दिक स्वागत आपका गोष्ठी और रचना पटल पर उपस्थिति हेतु।  अपनी प्रतिक्रिया और राय से मुझे…"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"आप की प्रयोगधर्मिता प्रशंसनीय है आदरणीय उस्मानी जी। लघुकथा के क्षेत्र में निरन्तर आप नवीन प्रयोग कर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश जी। बधाई स्वीकार करें।"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"मौसम का क्या मिज़ाज रहेगा पता नहीं  इस डर में जाये साल-महीना किसान ka अपनी राय दीजिएगा और…"
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