आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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आखिर में आकर पता चला इसका राज़, बहुत बढ़िया रचना विषय पर| बधाई आपको
आदरणीय ओमप्रकाश जी, सहज प्रवाह में शानदार लघुकथा. कहना न होगा कि आपने एक उत्कृष्ट सृजन किया है. कथ्य का सम्प्रेषण कितनी सहजता से हो सकता है, इसका उत्कृष्ट उदाहरण है यह लघुकथा. आपको बहुत बहुत बधाई.
मृत्यु के पश्चात दिवंगत की बीमारी में हुए खर्चे और संपत्ति को लेकर घरवालों में होने वाला विवाद एक दुखद पर कटु सत्य है ,,इसी सत्य के इर्दगिर्द घूमती आपकी ये रचना प्रदत्त विषय के साथ पूरा न्याय कर रही है ,,हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय ओमप्रकाश जी
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