आदरणीय साथिओ,
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सकारात्मकता लिए पहली कथा मन में उतर गई , दूसरी कथा एकदम अलग तरीके की रही और और निर्वाह भी आपने निराले ही ढंग से किया ...हार्दिक बधाई दोनों कथाओं के लिए ,आदरणीय वीरेंद्र वीर मेहता जी
हार्दिक बधाई आदरणीय वीर मेहता जी। बहुत खूबसूरत लघुकथायें।आज के समय को देखते हुए दोनों ही रचनायें बहुत प्रासंगिक हैं और संदेशप्रद भी हैं।
आदरणीय वीरेंदर वीर मेहता जी आप की पहली रचना वृद्धों की मनोदशा का सुंदर चित्रण करती वही दूसरी रचना सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति कर रही है. बधाई आप को .
वाह दोनों ही कथाएं अपनी अपनी जगह बेमिसाल हुई है आदरणीय वीर जी हार्दिक बधाई | पहली कथा मुझे ज्यादा अच्छी लगी |
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