आदरणीय साथियो,
सादर वन्दे !
हर बार की तरह इस बार भी कोरी वाह-वाही से ऊपर उठ कर बात हुई ! जहाँ अधिकाँश रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा हुई वहीँ कमजोर रचनाओं और भाषा-व्याकरण की त्रुटियों को लेकर भी खुल कर बात हुई ! अक्सर रचनाकार आलोचना से विचलित होते देखे गए हैं, लेकिन इसे ओबीओ की सकारात्मक ऊर्जा और मंच का तिलिस्म ही कहेंगे कि जिन रचनाओं की कमियों को इंगित किया गया उनके रचनाकारों ने आलोचना को खुले माथे स्वीकार किया ! मेरे मतानुसार यह एक बहुत ही सकारात्मक लक्षण है जोकि ओबीओ के "सीखने और सिखाने" के उद्देश्य की बखूबी तर्जुमानी कर रहा है !
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भाई आशुतोष जी, इस विकट परिस्थितियों में भी जिस तरह से आपने इस आयोजन में हिस्सा लिया वह स्तुत्य है, मैं ओ बी ओ की तरफ से आपके समर्पण को नमन करता हूँ एवं आपकी पत्नी के स्वास्थ लाभ हेतु ईश्वर से प्रार्थना भी |
मैं आपकी बात से पूर्णतय: सहमत हूँ दुष्यंत भाई !
आपकी दोनी रचनाएँ बहुत स्तरीय थी आशुतोष भाई ! आपकी अदम मौजूदगी हमारे लिए बायस-ए-मसर्रत है !
सफल आयोजन - सटीक लेखा जोखा | इस विस्तृत रपट के ज़रिये पूरे आयोजन का निचोड़ सामने रख दिया आपने संपादक जी ! साधुवाद !!
शुक्रिया अरुण भाई !
मेरे अजीज़ दोस्त, आपको दोबारा ओबीओ पर सक्रिय होते देखना मेरे लिए बहुत पुरसुकून तजुर्बा रहा ! उम्मीद है कि भविष्य में इतनी लम्बी गैर-हाजिरी नहीं होगी आपकी तरफ से !
आदरणीया शन्नोजी, आपका अंदाज़ सर-आँखों पर. आपने अपने इसी अंदाज़ में बहुत पते की बात सामने रखी है.
अंग्रेजी के रिपोर्ट (Report) का तर्जुमा रपट होता है. एक समय की बहुत प्रसिद्ध समाचार पत्रिका ’दिनमान’ ने इसके लिये रिपोर्ताज़ शब्द का खूब इस्तमाल किया था. मैं भी अक्सर रिपोर्ताज़ शब्द का ही इस्तमाल करता हूँ, क्योंकि पुलिस विभाग में प्रयुक्त रिपोर्ट के लिये रपट का प्रयोग किया जाता है.
इधर दसेक वर्षों से इलेक्ट्रोनिक मीडिया में रिपोर्ट का अंग्रेजी रूप ही प्रयुक्त होने लगा है. .. "अब आप एक्स्क्लूसिव रिपोर्ट सुनिये" जोर-शोर से कहा जाता है अब.
आदरणीय सौरभ जी, आपके समर्थन व रपट शब्द की व्याख्या के लिये बहुत धन्यबाद...मैं भी क्या करूँ...जितनी बार ये शब्द यहाँ पढ़ती हूँ...थाना शब्द भी साथ में याद आ जाता है :)))) लेकिन अच्छा भी लगता है रपट शब्द का यहाँ प्रयोग होना...क्यों कि ये शब्द ही उचित है.
मन का बिचार जरा डरते-डरते ही लिखा था :)
धन्यवाद "आदरणीय" शन्नो जी ! आप जो मर्जी कहें - मैं आपकी बात का कभी बुरा नहीं मानूंगा, कृपया स्नेह यूं ही बनाये रखें !
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