For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ प्रकाशन सम्बंधित नियम के सम्बन्ध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

साथियो,
ओपन बुक्स ऑनलाइन (ओ बी ओ) के मंच पर रचनाओं के प्रकाशन से सम्बन्धित नियमावलियों में जिस विशेष नियम को ले कर रचनाकारों में सबसे अधिक असंतोष या भ्रम होता है वह है प्रबन्धन द्वारा "अप्रकाशित और मौलिक रचनाएँ ही स्वीकार्य" के प्रति आग्रह ।  इस विन्दु की व्याख्या "ओ बी ओ नियमावली" में स्पष्ट रूप से की गयी है ।  तथा इस नियम का उल्लेख ओ बी ओ के मुखपृष्ठ पर भी "आवश्यक सूचना" अंतर्गत किया गया है । 


क्या है यह नियम -

२(च)  रचनाकार केवल वही रचना प्रकाशन हेतु पोस्ट करें जोकि पूर्णतया अप्रकाशित हो | ऐसी किसी रचना को इस ई-पत्रिका में स्थान नहीं दिया जायेगा जो किसी वेबसाईट, ब्लॉग अथवा किसी सोशल नेटवर्किंग साईट पर/में प्रकाशित हो चुकी हो | रचनाकार यदि अपनी कोई रचना अपनी या अन्य पूर्व प्रकाशित पुस्तक या किसी प्रिण्ट-पत्रिका से पोस्ट करे तो कृपया उसका ब्यौरा अवश्य दें | ओ बी ओ आयोजनों में प्रस्तुत रचनाएँ भी प्रकाशित मानी जायेंगी और उनका पुनर्प्रकाशन ओ बी ओ पर संभव नहीं है ।

क्यों है यह नियम - 

जैसा कि आप जानते है ओ बी ओ सीखने-सिखाने का मंच है ।  हमारा प्रमुख उद्देश्य नव-सृजन को बढ़ावा देना है । ओ बी ओ प्रबन्धन यह कभी नहीं चाहता कि यह मंच केवल विभिन्न रचनाओं के संकलन का मंच हो कर रह जाय । यदि वेब पर पहले से सामग्री है तो वही सामग्री ओ बी ओ में भी संग्रहित कर हम क्या पायेंगे ? किन्तु रचनाकारों को एक भी नवीन रचना सृजित करने हेतु प्रेरित कर पाये तो यह हमारे लिए ख़ुशी की बात होगी । 

ओ बी ओ पर प्रति माह चल रहे तीन-तीन लाइव कार्यक्रम और एक त्रैमासिक लाइव कार्यक्रम इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए हैं । ये चारों इण्टरऐक्टिव आयोजन हमारे उद्देश्य को संतुष्ट करने में सहायक भी सिद्ध हो रहे हैं ।

क्या कहता है यह नियम - 


यह नियम स्पष्ट रूप से कहता है कि, ओ बी ओ पर वही रचना पोस्ट करे जो वेब पर किसी माध्यम से पोस्ट (प्रकाशित) न हो । यानि, आपके निजी ब्लॉग्स, फेसबुक, ऑर्कुट सहित किसी सोशल नेटवर्किंग साइट अथवा वेबसाइट सभी इसकी ज़द में आते हैं । केवल प्रिंट माध्यम में प्रकाशित रचनाएँ, जोकि वेब माध्यम में प्रकाशित न हो, को वेब हेतु अप्रकाशित मानते हुए ओ बी ओ पर प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान करते हैं । इसके कई महत्त्वपूर्ण कारण हैं ।

क्या सदस्य गण अपनी रचनाएँ ओ बी ओ पर प्रकाशित हो जाने के पश्चात् कही और या किसी अन्य साइट्स पर प्रकाशित कर सकते है ?

रचनाओं के ओ बी ओ पर प्रकाशित हो जाने के उपरान्त रचनाकार अन्यत्र पोस्ट कर सकते है ।  यहाँ प्रमुखतः ध्यातव्य है कि रचनाकार जब अपनी रचनाओं को ओ बी ओ पर अपलोड करते है तो वह रचना तुरत प्रकाशित नहीं हो जाती, बल्कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा अनुमोदन के पश्चात ही वह प्रकाशित हो पाती है एवं सभी के लिए सुलभ हो पाती है ।  अतः कोई रचना अनुमोदन पश्चात् ही ओ बी ओ पर प्रकाशित मानी जाती है ।

रचना ओ बी ओ पर अनुमोदन/प्रकाशन के पश्चात आप अन्यत्र पोस्ट कर सकते है किन्तु उस स्थिति में वह रचना मासिक या किसी अन्य "पुरस्कार योजना" से नियमतः बाहर हो जाएगी । ज्ञातव्य है कि ओ बी ओ के पुरस्कार योजना में शामिल होने के लिए किसी रचना को अगले महीने की  5 तारीख तक कही और प्रकाशित नहीं होनी चाहिए ।

साथियो,  प्रत्येक महीने महीने की सर्वश्रेष्ट रचना पुरस्कार हेतु जितनी रचनायें नामित होती हैं उनमे से आधी से अधिक मात्र इसलिए पुरस्कार दौड़ से बाहर हो जाती हैं कि वो रचनाएँ ओ बी ओ पर प्रकाशन के तुरत बाद अन्य वेब साइट्स/ ब्लाग्स/ अन्यान्य सोशल साइट पर प्रकाशित हो जाती हैं । 

पुनश्च 

यह स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है कि प्रकाशन/ अनुमोदन हेतु प्राप्त कोई रचना जो अनुमोदन से पहले अन्यत्र किसी वेब मिडिया (कोई भी वेबसाइट/ ब्लाग्स/ सोशल साइट) पर पायी गयी तो उसे स्वीकार नहीं किया जायेगा । एतैव ओ बी ओ पर कोई रचना यदि अनुमोदित हो भी जाती है और बाद में यह जानकारी होती है कि वह रचना ओ बी ओ पर प्रकाशन होने से पूर्व ही अन्यत्र वेब पर प्रकशित हो चुकी थी तो उस रचना को अविलम्ब हटा दिया जायेगा ।

एडमिन 

2013030701

Views: 5371

Reply to This

Replies to This Discussion

विचार रखने की स्वतंत्रता है, गाली देने की नहीं ......"दादागिरी शब्द का प्रयोग आप कर रहे है यह ध्यान रहे"

kya dada giri apshbd hota hai aur aap kis trh ke shbdon ka pryog kr rhe hain yh nhi dikha rah 

सर्वप्रथम, एक प्रश्न..

सिवा अतुकांत प्रश्नों के, आदरणीय वेदव्यथितजी,  आपने हाल फिलहाल में कोई रचना प्रस्तुत की है क्या ? आपकी उस रचना से हमें विधा सम्मत कोई जानकारी या सीख मिली है क्या ? या, आदरणीय, आपने इस मंच पर पोस्ट हुई किसी रचना पर अपनी समझ के अनुसार अपनी बात कही है क्या ? किसी आयोजन के नियमों के अंतर्गत आपने प्रतिभागिता नियत रखी है क्या ?

यदि आप इन प्रश्नों के उत्तर देते हैं तो आप इस यज्ञ में भागीदार हैं.  अन्यथा ऐसी उठती हुई उँगलियों के लुल्लपन को हम खूब समझते हैं. फिर भी, अनावश्यक ही सही, भाव देते रहते हैं.

आदरणीय रूप चंद्र शास्त्रीजी के प्रति हमारे मन में क्या भाव और सम्मान है उसका प्रदर्शन आवश्यक नहीं है किन्तु आप मेरी उपर्युक्त प्रतिक्रिया अपने संज्ञान में लें.

सादर

main to kvi hoon hi nhi  kya koi pathk apna pksh nhi rkh skta hai aap ka yhi shityik mnch hai ki aap se vimt hone pr aap dhmkane lgen aur kis ki rchna se yhan karnti aa gai ? aisa bhi to nhi dikha hai 

आप पाठक हैं तो महज़ पाठक रहें. आपकी पाठकीयता मंच के नियमॊं से प्रभावित नहीं होती.

टप्पणियों में आपको धमकाया नहीं जा रहा. ऐसे नकारात्मक शब्दों का प्रयोग कत्त्ई न करें.. प्लीऽऽज. 

अलबत्ता आपको और आप जैसे विचारकों को अगाह किया जा रहा है, आदरणीय, कि यह मंच कोई कचरा-पेटी नहीं है कि कुछ भी पुरानी चीजें झोंक दी जायें.  न ही यह तथाकथित क्रांति की ज्वाला जलाने का भट्ठा है.

आपके पाठकत्व को हम खूब सम्मान देते हैं. आप भी उसे उतना ही सम्मान दें.

सादर

tippniya surkshit hain yh albta kya hai ise bhi bta den yh dhmki nhi hai to aur kya hai 

आप व्यवहार से सोचें, आदरणीय,  कि यह क्या है. आपने अपनी बात कह दी. उसपर चर्चा हुई. आगे अनावश्यक बात का कोई अर्थ नहीं है,

अनुरोध : अगर यहां का माहौल आपको समीचीन या उचित नहीं लग रहा हो तो आप अवश्य और शीघ्र सकारात्मक निर्णय ले लें. नेट पर कई साइट हैं जहाँ आप अधिक सहज महसूस करेंगे.

सादर

aur jin ki apni bhasha amryadit hia ve doosron ko kaise sikh de rhe hain 

amjh nhi aa rha dhadha giri to swyn siddh ho rhi hai is se adhik aur kya krenge aap 

आदरणीय शास्त्री जी प्रथम तो आपका इस मंच पर स्वागत! आपको इस मंच पर देखकर अपार हर्ष हुआ। अब हम सबको आपके ज्ञान का लाभ इस मंच के माध्यम से भी प्राप्त हो सकेगा।

हालांकि आदरणीय सौरभ जी तथ्यों को स्पष्ट कर चुके हैं लेकिन आपकी टिप्पणी एक अनावश्यक बहस में दबकर रह गयी इसलिए अधिकृत न होते हुए भी आपसे एक निवेदन करना चाहता हूं-

रचना प्रकाशित करने संबंधी ओबीओ का नियम-

//ओ बी ओ पर वही रचना पोस्ट करे जो वेब पर किसी माध्यम से पोस्ट (प्रकाशित) न हो । यानि, आपके निजी ब्लॉग्स, फेसबुक, ऑर्कुट सहित किसी सोशल नेटवर्किंग साइट अथवा वेबसाइट सभी इसकी ज़द में आते हैं । केवल प्रिंट माध्यम में प्रकाशित रचनाएँ, जोकि वेब माध्यम में प्रकाशित न हो, को वेब हेतु अप्रकाशित मानते हुए ओ बी ओ पर प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान करते हैं ।//

आदरणीय यह नियम तो कई अन्य साइटों द्वारा भी रखा गया है। कई नामी गिरामी साइटें अप्रकाशित रचनाओं को ही प्रकाशित करती हैं। यहां नाम लेना तो उचित नहीं, आप तो इससे भिज्ञ होंगे ही।

इसके बाद ओबीओ का नियम कहता है कि-

//रचनाओं के ओ बी ओ पर प्रकाशित हो जाने के उपरान्त रचनाकार अन्यत्र पोस्ट कर सकते है ।//

आदरणीय यह नियम तो वही है जिसका आपने अपनी टिप्पणी में उल्लेख किया है। मैंने स्वयं ओबीओ पर अपनी रचना प्रकाशित करने के उपरान्त अपने ब्लाॅग पर प्रकाशित की है। 

आदरणीय गुरूदेव आपके विचारों से ओबीओ पूरी तरह समानता रखता है। संभवतः किसी भ्रम के कारण भिन्नता दिख रही है।

आशा है इस मंच के माध्यम से आपका मार्गदर्शन हम सबों को प्राप्त होता रहेगा।

सादर!

मैं सहमत हूँ .......आपके सराहनिय प्रयास के लिए आपको हार्दिक बधाई ....एवं .. धन्यवाद  !

तो एडमिन सर हमने जीतनी भी रचनाये की है वो हमारे ब्लॉग अहसास के कुछ पन्ने पर प्रकाशित है । तो obo में वो सारी रचनाये नहीं डाल सकते??

जी आदरणीय आप सही समझ रहे हैं.
लेकिन यह भी सही है कि यदि वे रचनाएँ मौलिक हैं, अर्थात उनके रचनाकार आप ही हैं तथा वे वस्तुतः रचनाएँ हैं, तो आप वैसी या उनसे बेहतर रचनाओं की रचना इस मंच और इस मंच के आयोजनों केलिए कर सकते हैं.
हार्दिक शुभेच्छाएँ.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
39 minutes ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service