कवि केवल प्रसाद ‘सत्यम’ का प्रथम काव्य-संग्रह...’छंद माला के काव्य-सौष्ठ्व’ का दिनांक ०७.०२.२०१६ को यू० पी० प्रेस क्लब, लखनऊ में लोकार्पण कार्यक्रम समाचार पत्रों के आधार पर एक प्रतिवेदन .
लखनऊ शहर में आज-कल लखनऊ महोत्सव का आयोजन चल रहा है. दिनांक ०७.०२.२०१६ को इस शहर में एक तरफ सूबे के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी सिटी हाफ मैराथन दौड़ को हरी झण्डी दिखा रहे थे तो दूसरी ओर विंटेज़ कार रैली का कौतुक हर व्यक्ति को आकर्षित कर रहा था. भ्रम यह भी था कि लखनऊ महोत्सव मेले का आज अंतिम दिन है. बच्चों ने अपने-अपने घरों में मेला देखने की ज़िद कर रखी थी. सभी लोगों का रुख लखनऊ महोत्सव की ओर ऐसा झुकाव था जैसे प्राथमिकता, अनिवार्यता सी हो गयी थी. इसका एक कारण यह भी था कि आज सायं लखनऊ महोत्सव में गज़ल गायकी के महानतम पाकिस्तानी फनकार गुलाम अली जी अपने सुपुत्र के साथ शिरकत करने वाले थे. वहीं हज़रत गंज में पद्म भूषण भोजपुरी गायिका मालिनी अवस्थी जी का सम्मान समारोह चल रहा था. इस समय हज़रतगंज जैसे व्यस्ततम बाज़ार में भी व्यक्तियों/ श्रोताओं का जैसे टोटा हो गया था. मेरी चिंता बहुत तेजी से बढती जा रही थी. आज मेरी प्रथम कृति छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण भी होना है. समय की देवी ने दोपहर के ठीक दो बजे की घड़ी, अमूल्य भेंट में प्रस्तुत किया. यू० पी० प्रेस क्लब, में कुल चार - छ: श्रोता ही चहल कदमी कर रहे थे. अचानक मात्र पल भर में ही मुख्य अतिथियों सहित हाल में अच्छी-खासी भीड़ जुट गयी. कार्यक्रम अपने सही समय से प्रारम्भ हो गया. देखते ही देखते पूरा हाल खचाखच भर गया. भीड़ बढती ही जा रही थी. रेस्टोरेंट की कुर्सियां भी श्रोतागण खींच-खींच कर बैठने लगे, कुर्सियां कम पड़ गयी तो वे खड़े रहकर भी वक्ताओं के रसपूर्ण आख्यानों का भरपूर आनंद लेते रहे. पत्रकार बंधुओं का भी तांता लगा रहा, रह-रह कर एक-एक, दो-दो करके पत्रकार बंधु अंत तक आते रहे. इसी बीच में लखनऊ आकाशवाणी व एफ० एम० चैनल के प्रतिनिधि भी आकर मेरा साक्षात्कार भी लेते रहे. आलम यह था कि कार्यक्रम समाप्त हो चुका था किंतु श्रोताओं व मित्र बंधुओं का आना नही रुक रहा था.
परिणाम यह निकला कि आज दिनांक ०८.०२.२०१६ को इस शहर के प्रतिष्ठित दस अखबारों ने अपने साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कालम में ससम्मान समुचित स्थान से इस पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम को अमरता प्रदान की. जिनका संक्षिप्त समाचार प्रतिवेदन अग्रलिखित है:--
१. नवभारत टाईम्स समाचार पत्र ने पृष्ठ-७ पर लिखा कि सत्यम का काव्य-संग्रह छंद माला के काव्य-सौष्ठव का विमोचन में उ० प्र० हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक श्री विनोद चंद्र पाण्डेय 'विनोद' ने किया तथा विशिष्ठ अतिथि श्री अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' एवं साहित्य भूषण रंगनाथ मिश्र मौजूद थे.
२. दैनिक जागरण समाचार पत्र ने पृष्ठ १० पर लिखा कि काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण हुआ. छंद माला के काव्य-सौष्ठव के रिव्यू पर डा० अशोक अज्ञानी ने कहा कि यह पुस्तक आयुर्वेदिक औषधियों, मद्य निषेध और सामाजिक विद्रूपताओं को रेखांकित करता है.
३. अमर उजाला समाचार पत्र ने अपने माई सिटी के पृष्ठ ४ पर पुस्तक लोकार्पण की फोटों सहित लिखा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव का विमोचन हुआ जिसमें कवि वाहिद अली 'वाहिद' व आदित्य चतुर्वेदी समेत तमाम रचनाकार उपस्थित रहे.
४. कैनविज टाईम्स समाचार पत्र ने पृष्ठ ४ पर बड़ी फोटो सहित छापा कि 'सत्यम' की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, आगे लिखा कि साहित्य भूषण डा० रंगनाथ मिश्र 'सत्य' जी ने कहा कि कवि सत्यम ने जिन-जिन छंदों का उल्लेख अपनी कविताओं के माध्यम से विस्तारित किया है, प्रथम दृष्टया वह अद्वितीय ही कहा जायेगा. इस लक्षण ग्रंथ को पढ़कर पाठकगण स्वयं को गौरवांवित समझेंगे.
५. पत्रकार सत्ता समाचार पत्र ने पृष्ठ 5 पर बड़ी फोटो सहित लिखा कि काव्य-संग्रह 'छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण शीर्षक में कहा कि चाहे प्रिंटिंग दोष हो या लेखन, आज हमें भाषा पर गम्भीरता से सोचना होगा...अशोक अज्ञानी.
६. लोकमत लखनऊ समाचार पत्र ने पृष्ठ ३ पर लिखा कि केवल प्रसाद सत्यम का प्रथम काव्य-संग्रह ' छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण के माध्यम से लिखा के रामदेव लाल 'विभोर' ने अपने व्याख्यान में कहा कि रीति-नीति व प्रीति से पगी कृति की कथ्य सामाग्री विसंगतियों व युगबोध को उजागर करती हुई आज के संदर्भ में पर्यावरण व प्रदूषण आदि पर भी बहुत कुछ कहती है.
७. राष्ट्रीय स्वरूप समाचार पत्र ने पृष्ठ ४ पर लिखा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण समारोह सम्पन्न शीर्षक से सचित्र लिखा कि अशोक कुमार पाण्डेय 'अशोक' ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रस्तुत काव्य संग्रह का उद्देश्य मात्र गणों, वर्णों एवं मात्राओं तक ही सीमित नही रहा बल्कि काव्य-रसिकों को काव्यानंद में निमग्न करने का भी रहा है. यह एक जनजीवन से जुड़ी काव्यकृति है. भाव एवं कला पक्ष से परिपुष्ट इस कृति का सर्वत्र स्वागत होगा.
८. हाईटेक न्यूज समाचार पत्र ने पृष्ठ २ पर लिखा सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि अली 'वाहिद' ने अपने वक्तव्य में पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पुस्तक काव्य विधानों के अनुरूप सही समय पर आयी है और इसमें समसामयिक विषयों को सद्भावनाओं के साथ अंगीकार किया गया है जो समाज की चेतना को जागृत करने में सहायक है.
९. रोज़ की खबर समाचार पत्र ने पृष्ठ ५ पर सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि लक्ष्य संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में छंद माला के काव्य-सौष्ठव का लोकार्पण समारोह के बतौर मुख्य अतिथि रामदेव लाल विभोर ने कहा कि आज के व्यस्ततम जीवन में सहृदय पाठकों को क्षण भर में वह सारे रसास्वादनों का अनुभव करा देतें हैं जो एक खण्डप्रबंध काव्य या अन्य लम्बी-लम्बी रचनाओं में महिमामण्डित रहता है.
१०. चेतना विचारधारा समाचार पत्र के लखनऊ सिटी के पृष्ठ ३ पर लिखा सत्यम की कविताओं से छंदों का उल्लेख अद्वितीय: रंगनाथ, शीर्षक से कहा कि अपने अध्यक्षीय भाषण में विनोद चंद्र पाण्डेय विनोद ने कहा कि छंद माला के काव्य-सौष्ठव पुस्तक के अंत में सभी उदाहरण सहित लक्षण भी प्रस्तुत कर दिये हैं, जिससे इस पुस्तक की उपयोगिता अधिक बढ़ गयी है. लोकार्पण कार्यक्रम में मधुकर अष्ठाना, प्रो० नेत्र पाल सिंह, डा० कैलाश निगम, नलिन रंजन सिंह, रामराज भारती, बेअदब लखनवी आदि साहित्यकार मौजूद रहे.
कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री आर्० के० सरोज जी ने मंचासीन अथितियों एवं उपस्थित आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार ज्ञापित किया. उपरोक्त से स्पष्ट होता है कि कवि केवल प्रसाद 'सत्यम' की प्रथम काव्यकृति ' छंद माला के काव्य-सौष्ठव' का लोकार्पण कार्यक्रम इस व्यस्ततम राजधानी में किस हद तक सफल रहा. मुझे अपेक्षा से अधिक सराहना व उत्साहवर्धन मिलने से अत्यधिक हर्ष का अनुभव हो रहा है. इस अवसर पर मै एक बार फिर समस्त माननीय अथितियों एवं मित्र मण्डली व आगंतुकों का सहृदय आभार ज्ञापित करता हूं.
शुभ...शुभ...
आपका साथी,
केवल प्रसाद 'सत्यम'
रचनाकार
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आ० लक्ष्मण भाई जी, आप लोगों के बीच रहकर ही यह उपलब्धि प्राप्त हो सकी है, जिसके आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर
आ० भाई केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ।प्रभु से प्रार्थना है की आप आने वाले समय में ज्ञानाकाश में ध्रुवतारे से चमकें। मान शारदे की आप पर कृपा बनी रहे। सादर
आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम! आपके इस स्नेह और उदारता पूर्ण अनुमोदन ने साहित्य को असीम ऊंचाईयां ही दी हैं. इस सफलता में मैं आप लोगों का प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर
आ० सतविन्द्र भाई जी, सादर प्रणाम! आप लोगों की सस्तुति एवं उत्साहवर्धन से मैं सफलता, प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर
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