For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ के कानपुर चैप्टर के स्थापना दिवस पर आयोजित " लघुकथा-पाठ एवं समीक्षा" की संक्षिप्त रपट।

दिनांक 7अगस्त, दिन रविवार, स्थान होटल सैलीब्रेशन, जीटी रोड,कानपुर में ओपन बुक्स ऑनलाइन कानपुर चैप्टर की स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआII. जहाँ दो सत्रीय कार्यक्रम का पहला सत्र काव्य-पाठ तथा दूसरा सत्र लघुकथा को समर्पित रहा. लघुकथा सत्र ओबीओ के प्रधान सम्पादक आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर जी द्वारा संचालित हुआ. आदरणीय सर ने न केवल कुशल मंच संचालन किया बल्कि हर कथापाठ के बाद त्वरित समीक्षा कर कथाकारों का मार्गदर्शन भी किया..रचनाकारों एवं श्रोताओं से सीधे सम्वाद स्थापित होने से लघुकथा-पाठ का सत्र सर की उपस्थिति में लघुकथा कार्यशाला का ही आभास देता रहा.

कार्यक्रम का आरम्भ लखनऊ से आई आदरणीया आभा चंद्रा जी की बेहतरीन रचना ‘मुस्कान का रिश्ता’ से हुआ. कथानक में नवीनता लिए आभा जी कथा मानवीय संवेदनाओं की सम्वाहक कथा है. साधारण में से असाधारण निकालने वाली कसौटी पर खरी कथा से कार्यक्रम के आरम्भ ने ही एक मानक तय कर दिया.

अगली रचना लखनऊ के ही लघुकथाकार आदरणीय पंकज जोशी जी की ‘विधर्मी खून’ रही. अपनी शैली एवं तंजयुक्त कथानक के बल पर इस कथा को भी अच्छी सराहना मिली. जातपात और छुआछूत का खंडन करती हुई इस लघुकथा को श्रोताओं द्वारा बहुत सराहा गया.

लखनऊ से ही आई आदरणीया नेहा अग्रवाल जी की कथा,’प्रेयसी से मिलन’ प्रतीक का प्रयोग कर लिखी गई एक अलग सी रचना रही, विभाजन की त्रासदी और उस त्रासदी में से से आशा की एक किरण का उभरना इस लघुकथा की विशेषता रही.

कानपुर नगर की निवासिनी आदरणीया कल्पना मनोरमा जी की कथा ‘धनिया की पायल’ आयोजन की बेहतरीन रचनाओं में से एक रही. छोटे छोटे क्षणों को कैसे पकड़ कर लघुकथा कही जानी चाहिए उसका उदाहरण ये कथा आदरणीय सर के द्वारा विशेष सराहना पाने वाली कथाओं में एक रही.

हमारे ओबीओ परिवार की वरिष्ठ सदस्या आदरणीय डॉ मधु प्रधान जी की कथा धनी एक दम साधारण से विषय से असाधारण निकालती इस कथा में गजब का सामजिक संदेश भी निहित है, रक्तदान के महत्व को उजागर यह कथा थोड़ा अधिक विस्तार ले जाने से उसका कुछ अंश बोझिल हो गया. आदरणीय सर ने इंगित किया कि कथा में कालखण्ड दोष भी है जिसको सुधारा जा सकता हैं.

.
आयोजन की अगली कथा कानपुर के विख्यात कहानीकार आदरणीय मृदुल पांडेय जी कथा "वो लास्ट कॉल' रही। मानवीय संवेदनाओं के बारीक़ चित्र खींचती कथा को श्रोताओं से भरपूर तालियां प्राप्त हुई।

.
अगली कथा कानपुर के ही आदरणीय अरविंद त्रिपाठी जी 'विभीषण का पुनर्जन्म' रही। अत्यंत लघु आकार की कथा, अपनी अतिविशिष्ट पंचलाइन के बल पर सर का ध्यान खींचने में सफल रही।

आयोजन की अगली कथा आदरणीय सुधीर द्विवेदी जी की कथा ‘आदत’रही.अपने कथानक और शिल्प की दृष्टि से अति उत्तम कथा को सर से विशेष सराहना प्राप्त हुई. सुधीर जी की कथा के संदर्भ में सर ने कथानक की सादगी और चयन में सहजता का उल्लेख किया.
.
अगली कथा टीकमगढ़ से विशेष रूप से कार्यक्रम का हिस्सा बनने आई आदरणीया गीतिका वेदिका जी की कथा ‘गैप’ रही. पंचलाइन के महत्व को दर्शाती इस कथा के संदर्भ सर ने भी कथा में पंच लाइन के महत्व पर प्रकाश डाला.
.
आयोजन की अगली कथा सीमा सिंह की कथा ‘दुविधा’ रही. सर से आशीर्वादित कथा के संदर्भ में सर ने लघुकथा की एक और विशेषता से श्रोताओं तथा अतिथियों को अवगत कराया कि लघुकथा का काम है पाठक को सोचने पर विवश कर दे जहाँ कथा कागज पर समाप्त हों उस से आगे पाठक के मन में चले.
.
आयोजन की अगली कथा विशेष आग्रह कर पटियाला से आमंत्रित आदरणीय रवि प्रभाकर जी की कथा ‘फुहारें’ रही. अपने शीर्षक को प्रतिपादित करती कथा शीर्षक की भांति ही श्रोताओं के मन को भिगो गई. आदरणीय सर ने कथा पर की अपनी टिप्पणी पर विशेष तौर कथानक का सामान्य जीवन से निकलना और एक आम इंसान की आम सी दिनचर्या का हिस्सा होना कितना प्रभावित करता है इस बात पर प्रकाश डाला.

.

आयोजन की अंतिम कथा रही ओबीओ कानपूर चैप्टर की संरक्षक आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेई ‘अंजु’ जी कथा ‘पराया घर’. दादी पोती की सामान्य सी बातचीत को कथानक बनाकर हमारे समाज में बेटियों की दशा पर अच्छी कथा कही गई. इस कथा के संदर्भ में सर ने कथा में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी न किसी संदेश की अनिवार्यता पर बल दिया. साथ ही संदेश और उपदेश के भेद को स्पष्टता से लघुकथाकारों को बताया भी.
.
लघुकथा के प्रति आदरणीय सर का अनुराग देखते ही बनता था. लघुकथा पाठ के समापन के तुरंत बाद ही सर ने अपने अविभाषण में लघुकथा के शिल्प, कथ्य, संदेश तथा आकार के बारें में विस्तृत विवेचना कर लघुकथाकारों के साथ साथ उपस्थित गणमान्य जनों को भी विधा की बारीकियों से अवगत करवाया.

Views: 1404

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत अच्छी समीक्षात्मक रिपोर्ट बनाई सीमा , बहुत बहुत बधाई और साधुवाद । 

शुक्रिया दीदी।
सुन्दर समीक्षा शानदार सफल आयोजन के लिए ह्र्दयतल से टीम ओबीओ को पुनः हार्दिक बधाई
शुक्रिया पंकज भाई।
ओबीओ के कानपुर चैप्टर की सम्मानित स्थापना दिवस पर आयोजित उक्त समारोह में अनुपस्थित रहने के बावजूद लघुकथा सत्र की उपरोक्त समीक्षात्मक रिपोर्ट से आयोजन में सम्पन्न हुए लघुकथा पाठ का एक सीमा तक यहाँ मैं आनन्द ले सका हूँ। बेहतरीन रचनाओं की आदरणीय प्रधान संपादक महोदय जी द्वारा की गई समीक्षा व मार्गदर्शन निश्चित रूप से रचनाकारों व पाठकों को लघुकथा सृजन के लिए प्रेरित व प्रशिक्षित करता है। इस आलेख के लिए आदरणीया सीमा सिंह जी को हृदयतल से बहुत बहुत बधाई और आभार।
बहुत बहुत शुक्रिया आ0 शहज़ाद भाई।
समीक्षा पढ़कर बहुत खुशी हुई है आप सबकी मेहनत सफल हुई ।बधाईया व शुभकामनायें आद०सीमा सिंह जी ।
बहुत बहुत धन्यवाद नीता जी।

आदरणीया सीमा जी, ओबीओ के कानपुर चैप्टर के स्थापना दिवस पर आयोजित लघुकथा पाठ एवं समीक्षा पर सारगर्भित प्रतिवेदन हेतु हार्दिक आभार आपका. सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service