बालगीत ( टहल के आएं )
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सुबह हुई है टहल के आएं ।
सेहत बच्चों आओ बनायें ।
(१ ) बाईं तरफ फुटपाथ पे आओ
मैन सड़क पर तुम जाओ
जाने कब वाहन आजाएं
सुबह हुई ---------------
(२ ) आओ चमन में चल कर देखो
सुन्दर सुन्दर मंज़र देखो
बैठ के सुस्ती दूर भगाएं
सुबह हुई ----------------
(३ ) फूल खिले हैं कितने अच्छे
झूल रहे हैं झूला बच्चे
चलती यहाँ हैं ताज़ा हवाएं
सुबह हुई ------------------
(४ ) दूर से देखो खुश हो जाओ
फूलों को मत हाथ लगाओ
हम सबको यह ही समझाएं
सुबह हुई -------------------
(५ ) सेहत से जीवन है संवरता
योगा हर कोई है करता
हम भी यह आदत अपनाएँ
सुबह हुई --------------------
(६ ) जिनके क़दम हैं राहे वफ़ा पर
कल के वह बच्चे हैं रहबर
दो इनको तस्दीक़ दुआएं
सुबह हुई -------------------
( मौलिक व अप्रकाशित )
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बहुत प्यारी शिक्षाप्रद बाल कविता बहुत बहुत बधाई आद० तस्दीक जी
मोहतरमा राजेश कुमारी साहिब , बालगीत को पसंद करने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया
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