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बाल साहित्य Discussions (213)

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पढ़ने का टाइम (बाल कविता) - राहुल देव

मिल जाय मुझको बस खाना, कपड़ा-लत्ता बड़ी बेकार पढ़ाई यारों पढ़ने-लिखने में मन नहीं लगता काश न होते विद्यालय होते न अध्यापक जो मन आता वो करते हम…

Started by Rahul Dev

4 Dec 12, 2013
Reply by Rahul Dev

गुड़िया का ब्याह ( बाल कविता )

सजी सजीली नन्हीं गुड़िया शरमाई आफत की पुड़िया मिल कर उसका ब्याह रचाया मंडप प्यारा खूब सजाया बजती है ढोलक शहनाई मस्ती में बाराती भाई पकवानो…

Started by vandana

1 Dec 12, 2013
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

नया साल

नया साल जब आता हैनई उमंगे लाता हैहर गुलशन का भरे चमन काफूल फूल मुस्काता हैहिंदू मुस्लिम सिख ईसाईसबका दिल खिल जाता हैनिर्बल को नव संबल मिलता…

Started by NEERAJ KHARE

1 Dec 12, 2013
Reply by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

लोरी (संजू शब्दिता)

झिलमिल तारे गाते सारे सोजा सोजा कान्हां रे तेरी ये दो नन्हीं अँखियाँ मेरी सारी दुनिया रे गुनगुन करती निंदिया है आयी परियों के घर से सपने ह…

Started by sanju shabdita

5 Nov 30, 2013
Reply by sanju shabdita

बत्तख और भैंस

तालाब की लहराती लहरों में किलकारियां करती हुई भैंस को देख पास में तैरती बत्तख ने पूछा- ''बहन आज बहुत खुश लग रही हो,क्या बात है?'' भैंस-''सच…

Started by Vindu Babu

2 Nov 20, 2013
Reply by Vindu Babu

''चाचा नेहरु''

चाचा नेहरु ऐसे थे----! चाचा नेहरु ऐसे थे।। भारत के अमर सपूतों की, अमर रहे वो  कहानियां।जिनके बीच खड़े थे नेहरु, ले कानून की बोलियां।।अंग्र…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

4 Nov 15, 2013
Reply by Shyam Narain Verma

गुरु का आओ सम्मान करें [शिक्षक दिवस]

गुरु का आओ सम्मान करें, उनकी आज्ञा पालें , छात्र जीवन है कच्चा घड़ा, खुद को उन सम ढालें |   गुरु का आओ सम्मान करें, ज्ञान का वरदान लें ,…

Started by Sarita Bhatia

6 Nov 12, 2013
Reply by Sarita Bhatia

प्यारे! बादल क्यों रोते हो?

प्यारे! बादल क्यों रोते हो? प्यारे! बादल क्यों रोते हो? आसूं से धरा भिगोते हो। तुमको मौसम तनिक न भाया, देखो कितना तोय बहाया।। डूबे खेत-बा…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'

7 Nov 10, 2013
Reply by केवल प्रसाद 'सत्यम'

सदस्य कार्यकारिणी

उत्थान

उत्थान (भारत के स्वाधीनता दिवस के 66वीं वर्षगाँठ पर बच्चों के प्रति) बच्चों यह जो आज तिरंगा लहराता    यह अम्बर जो आज खुशी के गाता गीत, पूछो…

Started by sharadindu mukerji

4 Aug 29, 2013
Reply by बृजेश नीरज

बाल ग़ज़ल

अरे बच्चों चलो देखें, नया सर्कस जो आया है। तमाशों का पिटारा इक वो अपने संग लाया है। लिये ढोलक चले ठुम-ठुम बँदरिया झूमती-गाती, चलाता साइक…

Started by कुमार गौरव अजीतेन्दु

7 Aug 14, 2013
Reply by vandana

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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
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मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
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