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प्रधान संपादक "एक एक पंक्ति पढने और समझने योग्य है, दो-तीन बार पढने के बाद भी लगता है अभी पूरा…"Dr. Chandresh Kumar Chhatlani replied Sep 15, 2015 to सुश्री कांता रॉय जी के लघुकथा संग्रह "घाट पर ठहराव कहाँ" पर पाठकीय प्रतिक्रिया |
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Nov 10, 2015 Reply by Vijay Joshi |
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