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विजय मिश्र's Discussions (34)

Discussions Replied To (5) Replies Latest Activity

"वाह ... वाह ! बड़ा रसगर लिखनी ह महाराज |दूगो भाव के सुंदर समावेश करनी ह कविता में |बध…"

विजय मिश्र replied Jun 27, 2014 to मन भकुआईल बा--प्रमोद श्रीवास्तव

2 Jan 11, 2015
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"बधाई भाई प्रमोदजी ! केतना बढियाँ त कहानी ह ..... " हाथ जोड़ि दुअरे ठाढ़े " |ये लोग क…"

विजय मिश्र replied Jun 27, 2014 to कुण्डलियां--प्रमोद श्रीवास्तव

2 Jan 11, 2015
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

मुख्य प्रबंधक

"जे 'मन्थरा ' बहुब्रिही रूप में बा ,जौनकी ए भाषा में सही में बहुत बोलल जाला त सार्थक…"

विजय मिश्र replied Dec 4, 2013 to भोजपुरी लघुकथा : मन्थरा (गणेश जी बागी)

13 Mar 12, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

मुख्य प्रबंधक

"बागीजी , सुंदर लिखनी , सोच के छुदरपन आ आपन के चिन्ता , माई खातीर सोचल जाइजे ह , माई…"

विजय मिश्र replied Dec 3, 2013 to भोजपुरी लघुकथा : मन्थरा (गणेश जी बागी)

13 Mar 12, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"बौराइल बन आ सनकल पवन ..... अइसन में ई एकाकीपन .... आ ओपर फगुनहट के मारल बिरही मन ...…"

विजय मिश्र replied Mar 14, 2013 to ..... अयिले मास फगुनवा न!

4 Mar 14, 2013
Reply by JAWAHAR LAL SINGH

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"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
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गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
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"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
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Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
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