धरम-अधरम के बात जनि करिह तू I
पईसा बनाइह त भईया नाही लड़ीह तू I
लूटे के बाटे त मिलिए के रहीह हो I
चोर के चोर बाबु कबो ना काहीह तू I
जानेला की साध के रास्ता कठिन बाटे I
ओकरा ता आसे-पासे कबहू ना जईह तू I
बेईमान के हरदम मुड़ी झुकल रही I
तनिका सा गारी बाबु मन मारी सहीह तू I
भईया बचे के चाह भूल जनि करिह तू I
धरम-अधरम के बतिया ही करिह तू I
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bhojpuri me badhiya ghazal. aa aaj ke jmana k hisab se bhi ba.
sundar rachna khatir badhai.
dhanyabad sir ji
जानेला की साध के रास्ता कठिन बाटे I
ओकरा ता आसे-पासे कबहू ना जईह तू I
बड़ नीमन गुरूजी, बधाई.
dhanyabad sir ji
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