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bahut badiya va.......sir
kulluvi
dhanyavad sir ji
गुरु जी बहुते नीमन लिखलीं|
dhanyavad bhai aashish ji
Hamesha aisan bahute niman likhale bani.
dhanyavad neelam di
dhanyavad brij bhushan ji
कोलकाता के अबकी के प्रवास दौरान, बीस तारीख जनौरी, शुक्करवार दिना, रवि भाई, रउआ आ शकूर भाई से भेंट एगो यादगार मौका रहुए. मुलाकात घरिया एह रचना के पहिलुका रूप रेखा से रउआ हमरा परिचित करौले रहनीं. जइसन सभका पता बा, ई रचना के मूल ढंग ’कोलावरी डी..’ कुछ अउरिये ह ऽ. बाकिर रउआ त दारू के खिलाफ़ ओही सुर में एगो मूहिम के ढंग दे देले बानी. भाई, बहुत-बहुत बधाई.
dhanyavad bhaiya hausla badhawe khatir
dhanyavad sanjay ji
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