For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ...
 
बच्चन के कपडा फाटल फाटल ,
पडल बाड तू गटर गटर , 
छोड़ के इ तू बढ़िया से जी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ...
 
साम होते तू पागल पागल ,
कईसन रोग इ लागल लागल , 
आच्छा रहित की पिअते घी  ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ... 
 
मँह चाटत बा कुकुर कुकुर ,
तू देखत बाड़े टुकुर टुकुर , 
अइसन जीवन पर छी छी छी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी , 
 
तोहरा से बढ़िया बबलू मुन्ना ,
रोज बढ़त बारन दुन्ना दुन्ना , 
रवी पप्पू से कुछउ सीखी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी.. .
 

Views: 1895

Replies to This Discussion

bahut badiya va.......sir

kulluvi

dhanyavad sir ji

गुरु जी बहुते नीमन लिखलीं|

मुह चाटत बा कुकुर कुकुर ,
तू देखत बाड़े टुकुर टुकुर ,
एकदम सही| पियला के बाद क इहे स्थिति हो जाला|
आच्छा रहित की पिआती घिव 
बढ़िया नसीहत भी देहले हईं|

dhanyavad bhai aashish ji

Hamesha aisan bahute niman likhale bani. 

dhanyavad neelam di

तोहरा से बढ़िया बबलू मुन्ना ,
रोज बढ़त बारन दुन्ना दुन्ना vah bahut badhiya guruji 

dhanyavad brij bhushan ji

कोलकाता के अबकी के प्रवास दौरान, बीस तारीख जनौरी, शुक्करवार दिना, रवि भाई, रउआ आ शकूर भाई से भेंट एगो यादगार मौका रहुए.  मुलाकात घरिया एह रचना के पहिलुका रूप रेखा से रउआ हमरा परिचित करौले रहनीं.  जइसन सभका पता बा, ई रचना के मूल ढंग ’कोलावरी डी..’  कुछ अउरिये ह ऽ.  बाकिर रउआ त दारू के खिलाफ़ ओही सुर में एगो मूहिम के ढंग दे देले बानी.  भाई, बहुत-बहुत बधाई.

 

dhanyavad bhaiya hausla badhawe khatir

मँह चाटत बा कुकुर कुकुर ,
तू देखत बाड़े टुकुर टुकुर ,
अइसन जीवन पर छी छी छी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ,
"सुध-बुध खो के पीये वालो को होश में आने के बाद उनके लिए ये एक अक्षा संदेश !!!!!!!!!!!!!


!!!!! वाह गुरु जी वाह गुरु जी......

dhanyavad sanjay ji

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
5 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
5 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service